सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच अच्छे रिश्तों की बात अक्सर पाकिस्तान करता रहता है, लेकिन इस बीच कुछ ऐसा हुआ है कि उनकी कही बातें मान पाना मुश्किल है। दरअसल, हालिया खबर के अनुसार, पाकिस्तान की 92 नर्सों को सऊदी अरब ने एक फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अपने मुल्क से वापस रवाना कर दिया है।
बताया जा रहा है कि ये फैसला नर्सों के कम योग्य होने की वजह से नहीं लिया गया बल्कि इसलिए लिया गया क्योंकि उनके साथ पाकिस्तान में वेरिफिकेशन के दौरान फर्जीवाड़ा हुआ था जो कि पकड़ा अरब में गया। रिपोर्ट बताती हैं कि नियमित ऑनलाइन स्क्रीनिंग के दौरान फर्जीवाड़ा उजागर हुआ और नर्सों को वापस भेज दिया गया।
अब पाकिस्तान ने एक्शन लेते हुए इस मामले में उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है जिसने ये फर्जीवाड़ा किया था। वहीं इस मामले पर पाकिस्तानी पत्रकार कमर चीमा भी नाराज हो रखे हैं। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर इस संबंध में वीडियो अपलोड की है। उन्होंने बताया कि रावलपिंडी की एजेंसी ने नर्सों को भेजने से पहले वेरिफिकेशन डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ी की। दो तीन का डॉक्यूमेंट चेक करके वही कागज सबके साथ जोड़ दिए गए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सरकार एक ओर सऊदी को अपना भाई कहती है, उनसे मदद लेती है, दूसरी ओर इसकी आवाम बदले में क्या करती है उनसे सिर्फ फ्रॉड पर फ्रॉड।
उन्होंने आगे कहा, “थोड़े से पैसे बचाने के लिए हमने उन नर्स का जीवन बर्बाद कर दिया। अपनी इमेज खराब की और भविष्य के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिया। ये शॉर्टकट का नशा है। एक तरफ हम कह रहे हैं कि सऊदी हमारे भाई हैं, वो हमारी मदद करते हैं। हमारी सरकार भाग-भाग कर हालात सही कर रही है और हम उनके साथ फ्रॉड कर रहे हैं।”
भारत की तारीफ करते हुए कमर चीमा बोले की सऊदी अरब में भारतीय भी काम कर रहे हैं। मेडिकल की फील्ड में उनकी संख्या ज्यादा है, लेकिन पाकिस्तान से गए डॉक्टरों की इज्जत ही नहीं है। अच्छी बात है कि नर्सों को धोखाधड़ी के मुकदमें में जेल नहीं भेजा गया।
उन्होंने कहा, “आज भारतीय लोगों के पास हमसे ज्यादा अच्छे मौके हैं, क्योंकि वो ज्यादा पढ़ कर आते हैं, ज्यादा ईमानदार और ज्यादा विश्वसनीय हैं। वह किसी भी जॉब को करते हैं उसमें समय देते हैं। इसके अलावा न किसी पॉलिटिकल चीज में फँसते हैं। हमने अगर हरकतें नहीं सुधारी तो पाकिस्तान की जगह भारत ले लेगा।”