Monday, December 23, 2024
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मिस्र के राजा की 3500 साल पुरानी ममी, गले में मिले 30 ताबीज: डिजिटल तकनीक से उठा कई रहस्यों से पर्दा

वैज्ञानिकों ने 1881 इस्वी में खोजे गए इस ममी का पहली बार डिजिटलाइजेशन तकनीक के आधार पर रिसर्च किया है और मिस्र के राजा के जीवन और उनकी मृत्यु को लेकर अनुसुलझी जानकारियों को इकट्ठा किया है।

मिस्र में एक 3500 साल पुरानी ममी के शरीर के कुछ ऐसे अनसुने राज का खुलासा हुआ है, जिसको जानकर शोधकर्ता भी हैरान हैं। मिस्र के शोधकर्ताओं ने 3500 साल पुरानी एक ममी के शरीर को खोला है और डिजिटल स्कैनिंग तकनीक के माध्यम से उसका अध्ययन किया है।

रिसर्च के दौरान शोधकर्ता उस वक्त खुश हो गए, जब उन्हें पता चला कि ये ममी किसी और की नहीं, बल्कि मिस्र के उस राजा की है, जो आज से 3500 साल पहले मिस्र पर राज करता था और सबसे दिलचस्प बात ये है कि मिस्र के राजा का 3500 साल पहले भी खतना हुआ था।

ममी ने उगले रहस्यमयी राज

वैज्ञानिकों ने 1881 इस्वी में खोजे गए इस ममी का पहली बार डिजिटलाइजेशन तकनीक के आधार पर रिसर्च किया है और मिस्र के राजा के जीवन और उनकी मृत्यु को लेकर अनुसुलझी जानकारियों को इकट्ठा किया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ये ममी मिस्र के राजा फिरौ अमेनहोटेप-प्रथम की है और सबसे हैरानी की बात ये है कि उनके शव को इस कदर सुरक्षित अंदाज में ममी बनाया गया था कि उनके दाँत और कान की हड्डियाँ अभी तक पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

ममी का डिजिटल तकनीक से परीक्षण

डिजिटल तकनीक से विश्लेषण के दौरान शोधकर्ताओं को कई दिलचस्प जानकारियाँ मिस्र के राजा अमेनहोटेप-प्रथम के बारे में पता चली हैं। वैज्ञानिकों को पता चला है कि राजा के शव को दफनाते वक्त उन्हें फूलों की माला पहनाई गई थी और उनके शव को काफी आकर्षक लकड़ी के मुखौटे से सजाया गया था। ये ममी इतनी ज्यादा नाजुक थी कि इसे कभी पुरातत्वविदों ने खोलने की कोशिश नहीं की थी, जिसकी वजह से 1881 में इस ममी की खोज होने के बाद भी इस पर अभी तक रिसर्चर्स ने शोध नहीं किया था और ये ममी अभी तक सुरक्षित रखी हुई थी।

कैसी थी राजा अमेनहोटेप-प्रथम की ममी

मिस्र के काहिरा विश्वविद्यालय में मेडिकल डिपार्टमेंट में रेडियोलॉजी पढ़ाने वालीं प्रोफेसर सहर सलीम, जो इस रिसर्च टीम की हिस्सा भी हैं, ने बताया कि ममी की पतली ठुड्ढी है और उसके नाक छोटे हैं, वहीं बाल घुँघराले हैं। प्रोफेसर सलीम और उनके सहयोगियों का मानना है कि राजा अमेनहोटेप प्रथम की उम्र लगभग 35 वर्ष रही होगी, जब उनकी मौत हुई होगी। 

प्रोफेसर्स का मानना है कि राजा अमेनहोटेप-प्रथम की कदकाठी औसत थी और उनकी लंबाई करीब 5 फीट 5 इंच थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सहर सलीमे ने यह भी बताया कि उनका खतना हुआ था और उनके दाँत पूरी तरह से स्वस्थ थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि उनके गले में लपेटन के भीतर 30 ताबीज बँधे हुए थे और सोने की एक अनोखी कमरबंद भी ममी के साथ मिली है। प्रोफेसर सलीम ने कहा कि उनके शरीर में किसी भी तरह का घाव नहीं मिला है और न ही किसी बीमारी के सबूत मिले हैं, लिहाजा उनकी मृत्यु की वजह का पता नहीं चला है।

21 सालों तक किया मिस्र पर शासन

इतिहासकारों के मुताबिक, राजा अमेनहोटेप प्रथम ने 1525 और 1504 ईसा पूर्व के बीच लगभग 21वर्षों तक मिस्र पर शासन किया। वह फिरौन के 18वें राजवंश के दूसरे राजा थे और उनका शासनकाल काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा था। अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने कई मंदिरों का निर्माण करवाया था। शोधकर्ताओं को यह भी पता चला है कि ममी को कई सौ सालों के बाद लूटने की कोशिश की गई थी और ममी के ऊपर चोट के कई निशान हैं, लेकिन शव के ऊपर निशान नहीं हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि हो सकता है ममी को खजाने के लिए लुटेरों ने लूटने की कोशिश की होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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