श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के बीच देश के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार (9 मई 2022) को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंपा। श्रीलंका की स्थानीय मीडिया के हवाले से इस खबर की पुष्टि की गई है।
Sri Lankan Prime Minister Mahinda Rajapaksa resigns: Local media#SriLanka
— ANI (@ANI) May 9, 2022
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महिंदा राजपक्षे के बाद उनके मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री रहे प्रोफेसर चन्ना जयसुमना ने भी राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा इस द्वीपीय देश में आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद दिया है। सोमवार को राजधानी कोलंबो में आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी।
While emotions are running high in #lka, I urge our general public to exercise restraint & remember that violence only begets violence. The economic crisis we’re in needs an economic solution which this administration is committed to resolving.
— Mahinda Rajapaksa (@PresRajapaksa) May 9, 2022
प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महिंदा राजपक्षे ने आम जनता से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “जब भावनाएँ उच्च स्तर पर चल रही हैं, हमें ये याद रखना चाहिए कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देगी। हम जिस आर्थिक संकट में हैं, उसे एक आर्थिक समाधान की जरूरत है।”
महिंदा राजपक्षे ने कहा कि आर्थिक संकट के समाधान के लिए ये प्रशासन प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि आर्थिक संकट को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे विरोधियों और महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के बीच सोमवार को हिंसक झड़प हो गई। महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के हमले में 16 लोग घायल हो गए।
राजधानी कोलंबो में भड़की हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। दूसरी तरफ, विपक्षी दल भी लगातार पीएम के इस्तीफे और संयुक्त सरकार के गठन की माँग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पहले महिंदा राजपक्षे ने कहा था कि वे कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं। राजपक्षे के इस बयान के बाद से ही उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। राजपक्षे ने यह बात प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘टेम्पल ट्री’ में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही थी। उनके आवास पर एकत्र हुए एसएलपीपी के सदस्यों ने इनसे इस्तीफा न देने को कहा था।
उनके छोटे भाई और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे की आर्थिक संकट से घिरी सरकार पर देश को उबारने के लिए अंतरिम सरकार बनाने का दबाव बढ़ गया है। मौजूदा आर्थिक संकट निपटने तक वह अंतरिम सरकार के पक्ष में हैं। गोटाबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कैबिनेट बैठक में महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने पर सहमति व्यक्त की है। अब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति से भी इस्तीफा माँग रहे हैं।