कैलिफोर्निया (California) के सैन जोस के एक पार्क से छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गायब होने की खबर सामने आई है। कैलिफोर्निया के अधिकारियों ने बताया कि कोई भारतीय शासक की मूर्ति को अपने हिसाब से काटकर पार्क से चुराकर ले गया। बताया जा रहा है कि ग्वाडालूप रिवर पार्क में श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाई गई थी। भारत में सैन जोस सिस्टर सिटी (पुणे) का यह एक उपहार था।
अधिकारी सैन जोस पार्क से चुराई गई मूर्ति के मामले की जाँच कर रहे हैं। सैन जोस पार्क्स एंड रिक्रिएशन ने 3 फरवरी 2023 को इस मामले को लेकर ट्वीट किया, “हमें आपको यह सूचित करते हुए खेद हो रहा है कि ग्वाडालूप रिवर पार्क से श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गायब है।” हालाँकि, पार्क के अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि मूर्ति किस दिन यहाँ से चुराई गई है।
The City is deeply saddened that this landmark has been stolen. We are working with community leaders to find solutions and will provide updates as we receive them.
— San José Parks & Rec (@sjparksandrec) February 3, 2023
छत्रपति शिवाजी महाराज एक भारतीय शासक थे, जिन्होंने 1600 की सदी के दूसरे हिस्से में इस्लामी आक्रांताओं के विरुद्ध लड़ाई छेड़ी और मराठा साम्राज्य की स्थापना की। वह एक महान योद्धा थे और अपनी बहादुरी, रणनीति और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते थे। उन्होंने हमेशा से स्वराज्य और मराठा विरासत पर ही ध्यान केंद्रित किया था। इस घटना के बाद पार्क के अधिकारियों ने मूर्ति के बारे में कोई भी जानकारी मिलने पर लोगों को पुलिस को सूचित करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि हिन्दू हृदय सम्राट व मराठा गौरव की उपाधि से अलंकृत महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे के जुनार स्थित शिवनेरी दुर्ग में शाहजी भोंसले और माता जीजाबाई के घर हुआ था। माता जीजाबाई धार्मिक स्वभाव की वीरांगना नारी थीं। वह उनकी पहली गुरु भी थीं, जो रामायण, महाभारत के साथ शिवाजी को भारतीय वीरों और महापुरुषों की कहानियाँ सुनाती थीं। दादा कोणदेव के संरक्षण में शिवाजी ने युद्ध कौशल की सारी कलाएँ सीखीं।
शिवाजी को गुरिल्ला युद्ध या छापामार युद्ध का आविष्कारक माना जाता है। शिवाजी के गुरु समर्थ रामदास थे। छत्रपति शिवाजी तुलजा भवानी के उपासक थे। शिवाजी का राज्य वास्तविक और कानूनी दोनों तरह से एक संप्रभु राज्य था। महादेव गोविंद रानाडे के अनुसार, “नेपोलियन प्रथम की तरह शिवाजी अपने समय में एक महान संगठनकर्ता और नागरिक संस्थानों के निर्माता थे।”