स्वीडन में एक दक्षिणपंथी नेता द्वारा कुरान जलाने की घटना सामने आने के बाद तुर्की में इसका विरोध हो रहा है। नाटो की सदस्यता से जुड़े विवाद के प्रदर्शन के दौरान एक रैसलम पलुदान नाम के राइट विंग कार्यकर्ता ने तुर्की की एंबेसी के सामने कुरान जलाई। घटना के बाद तुर्की ने कहा कि स्वीडन की सरकार का इस तरह इन प्रदर्शनों को होने देना पूरी तरह अस्वीकार्य है।
तुर्की के विदेश मंत्री ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि बार-बार चेतावनी देने में बाद भी यह इस्लाम विरोधी घटना घटी जिसके जरिए मुस्लिमों को और उनकी पवित्र भावनाओं को आहत किया गया। उनके मुताबिक अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसी हरकत बिलकुल अस्वीकार्य है। स्वीडन के विदेश मंत्री तोबियस बिलस्टॉर्म ने खुद घटना को भयावह करार दिया।
Last night they played the Quran outside the Swedish embassy and today protest continue in Turkey against the burning of the Quran in Sweden! pic.twitter.com/xw3oNan4EM
— Borz ⛰ 🐺 (@Borz4562) January 22, 2023
उन्होंने लिखा कि स्वीडन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर बहुत आगे निकल आया, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि स्वीडिश सरकार या फिर हम ऐसे ख्यालातों का समर्थन करते हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के बाद पाकिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, जॉर्डन समेत इस्लामी देशों ने भी घटना का विरोध किया है। पाकिस्तान ने कहा, “यह एक मूर्खतापूर्ण और उत्तेजक इस्लामोफोबिया कृत्य दुनिया भर के 1.5 अरब से अधिक मुसलमानों की धार्मिक संवेदनाओं को आहत करता है।”
पाकिस्तान के विदेश कार्यलय के मुताबिक, इस तरह की हरकतों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं किया जा सकता। अभिव्यक्ति की आजादी में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार से जुड़ी जिम्मेदारियाँ होती हैं, जिसके तहत घृणास्पद बयान और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने वाले कृत्य शामिल नहीं होते।”
Press Release: Malaysia strongly condemns the provocative burning of the Holy Quran in Sweden pic.twitter.com/nkIvLOHu3y
— Wisma Putra (@MalaysiaMFA) January 22, 2023
इसी तरह मलेशिया ने भी 22 जनवरी को प्रेस रिलीज जारी करते हुए घटना की निंदा की। वहीं तुर्की में भी स्वीडन के विरोध में स्वीडन के झंडे जलाए गए। सैंकड़ों लोग सड़कों पर आकर स्वीडन का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने विरोध दर्ज कराते हुए स्वीडन के डिफेंस मंत्री की यात्रा को रद्द कर दिया है। उन्होंने इसे नस्लवादी कार्रवाई करार दिया है
Turks burning the flag of Sweden outside the Swedish embassy in Ankara after the burning of the Koran at the Turkish Embassy in Stockholm was approved by the Swedish authorities. pic.twitter.com/maH55Ok95h
— Levi (@Levi_godman) January 21, 2023
बता दें कि ये पूरा मामला NATO सदस्यता से जुड़ा हुआ है। चूँकि तुर्की पहले से नाटो में शामिल है वहीं स्वीडन लगातार शामिल होने की कोशिश कर रहा है। मगर तुर्की लगातार इसमें अड़ंगा लगाता है। ऐसे में स्वीडन में दक्षिणपंथी समूह लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने तुर्की के दूतावास के सामने भी प्रदर्शन किया।