Thursday, November 14, 2024
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हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी 20 साल की युवती, ईरान की पुलिस ने दाग दी 6 गोलियाँ: वीडियो में बाल बाँधती दिखी थी, और उग्र हुआ विरोध

बता दें कि 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी नाम की एक युवती को ईरान की मोरल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पिटाई के कारण वह कोमा में चली गई थी और बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद से ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए, जो कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण हिंसक होते चले गए।

बिना हिजाब के ईरान (Iran) में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों (Anti Hijab Protests) की अगुवाई कर रही हदीस नजफी (Hadis Najafi) की सुरक्षाबलों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हदीस नजफी सिर्फ 20 साल की थीं और ईरान की राजधानी तेहरान के पास कराज शहर में हिजाब का विरोध कर रही थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हदीस नजफी को 6 गोलियाँ मारी गईं हैं। ये गोलियाँ सीने, चेहरे और गर्दन में लगी हैं। हदीस ईरान में हिजाब विरोध प्रदर्शन का प्रतीक बनने वाली लड़कियों में से एक थीं। जब उनका पुलिस से सामना हुआ तो वह बिना हिजाब का विरोध कर रही थीं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में हदीस नजफी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से पहले अपने बालों को रबर बैंड से बाँधते हुए दिखाई दे रही हैं।

हदीस की मौत से पहले ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद (Masih Alinejad) ने ट्वीट किया था, “यह ईरानी महिला सुरक्षाबलों के सामने आमने-सामने खड़े होने को तैयार हो रही है। ईरानी शासन के पास बंदूकें और गोलियाँ हैं, लेकिन वे हमारे बालों से डरते हैं। उन्होंने थोड़े से बालों के लिए महसा अमीनी को मार डाला। आइए बाल क्रांति करें। हमारे बाल इस्लामी तानाशाहों को गिरा देंगे।”

हालाँकि, इसके बाद ईरानी पत्रकार को हदीस नजफी से जुड़ा एक ट्वीट करना पड़ा। यह ट्वीट हदीस की मौत से जुड़ा हुआ था। पत्रकार ने लिखा, “21 साल की हदीस नजफी लड़की महसा अमिनी की तरह एक और प्रतीक बनना चाहिए, क्योंकि वह अत्याचार के सामने चुप नहीं रहीं। महसा की क्रूर मौत का विरोध करने के लिए उन्हें मार दिया गया। मैं दुनिया से हदीस नजफी की आवाज बनने का आह्वान करती हूँ। रियल हीरो।”

बता दें कि 13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मोरल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हेें पीट-पीट कर कोमा में पहुँचा दिया गया था। गिरफ्तारी के दिन बाद यानी 16 सितंबर को महसा की मौत हो गई थी। इसके बाद से ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए, जो कि सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण हिंसक होते चले गए।

ईरान के लगभग हर शहर में महिलाएँ मोरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर गई हैं। ईरान में महिलाएँ सरकार के लिए मुश्किल का सबसे बड़ा सबब बन गई हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं और न ही बाल ढँकने को तैयार हैं।

हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ईरान में अब तक चार महिलाओं समेत करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनों से घबराई इब्राहिम रईसी सरकार दमन पर उतारू है। कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा वाली सरकार ने कुछ दिन पहले ईरान में इंटरनेट भी बंद कर दिया था। इसके कारण वहाँ से काफी कम जानकारी सामने आ रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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