दक्षिण अफगानिस्तान के कंधार में तालिबान ने हमला बोला है। आतंकियों ने कंधार एयरपोर्ट को निशाना बनाया। कम से कम तीन रॉकेटों से कंधार एयरपोर्ट पर हमला किया गया। तालिबान ने मुल्क में अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है और इसी क्रम में शनिवार (31 जुलाई, 2021) की रात ये हमला किया गया। तीन रॉकेटों में से दो रनवे पर आकर लगा। एयरपोर्ट से सारी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
कंधार एयरपोर्ट के प्रमुख मसूद पश्तून ने कहा कि एयरपोर्ट के रनवे को बनाने का काम जारी है और रविवार को ही उड़ानें फिर से चालू कर दी जाएँगी। राजधानी काबुल में सिविल एविएशन विभाग ने भी इस हमले की पुष्टि की है। ये अफगानिस्तान के कंधार प्रांत की राजधानी भी है। काबुल के बाद कंधार मुल्क का सबसे बड़ा शहर है। आशंका जताई जा रही है कि इसके आसपास आतंकियों की सक्रियता बढ़ गई है।
कंधार पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबानी कूच कर सकते हैं और हो सकता है कि उससे पहले ये इस तरह के हमले कर रहे हों। अफगानिस्तान में तालिबान की ताकत और न बढ़े, इसके लिए इस शहर का सरकार के नियंत्रण में रहना ज़रूरी है क्योंकि सेना को एयर सपोर्ट देने से लेकर रसद की सप्लाई तक के लिए ये महत्वपूर्ण है। अफगानिस्तान की सरकार इस बात को नकार रही है कि तालिबान ने मुल्क के 85% भू-भाग पर कब्ज़ा कर लिया है।
At least three rockets struck Kandahar airport in southern Afghanistan as Taliban fighters push to gain control of three major cities pic.twitter.com/Ju2wAiUo4r
— TRT World Now (@TRTWorldNow) August 1, 2021
वहीं अफगानिस्तान के हेरात में पिछले 4 दिनों से वहाँ के सुरक्षा बलों और तालिबानी आतंकियों के बीच संघर्ष चल रहा है। हेरात के लाखों लोगों को डर है कि काबुल और कंधार के बाद मुल्क के इस तीसरे बड़े शहर के भीतर तालिबान कभी भी घुस सकता है। वहाँ के एयरपोर्ट से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर ही भारी फायरिंग हुई है। इस दौरान एक स्थानीय मिलिट्री कमांडर को तालिबान ने मार डाला।
साथ ही UN के एक कैम्पस में कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड को भी मौत के घाट उतार दिया गया। एयरपोर्ट फ़िलहाल सुरक्षा बलों के नियंत्रण में है। आसपास के कई इलाकों से भाग कर भी लोग हेरात आए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ-बच्चे हैं। इलाके में दो बड़े पुल हैं, जिनका इस्तेमाल कर तालिबान हमला बोलना चाहता है। एयर सपोर्ट लगा दिया गया है। अमेरिका इस पर नजर रखे हुए है। कंधार से काबुल के लंबे रास्ते में खतरे के कारण व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।
बता दें कि हाल ही में मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में एक तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने चीन में विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। चीन ने तालिबान को अपना समर्थन दे दिया है। यह बैठक चीन के उत्तरी शहर तियानजिन में हुई थी। सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की कई तस्वीरें सामने आई हैं। हालिया संकट के दौरान यह पहली बार है जब तालिबान के किसी बड़े नेता ने चीन का दौरा किया है, क्योंकि इस्लामिक आतंकवादी समूह ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए बड़े पैमाने पर हमला किया है।