पंजशीर घाटी में तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (NRF) के बीच जारी जंग को लेकर अलग-अलग तरह के दावे सामने आ रहे हैं। तालिबान का दावा है कि उसने घाटी पर पूरी तरह अधिकार कर लिया है। वहीं एनआरएफ ने उसकी जीत के दावों को नकारते हुए कहा है कि जंग अभी चल रही है।
NRF ने तालिबान की जीत का दावा खारिज करते हुए कहा है कि पंजशीर घाटी के महत्वपूर्ण रणनीतिक मोर्चों पर उसके लड़ाके मौजूद हैं। इस बीच पंजशीर के गर्वनर हाउस में तोड़फोड़ किए जाने की खबरें भी हैं। इससे पहले भी तालिबान ने पंजशीर घाटी को फतह कर लेने का दावा किया था, जिसे पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और नॉर्दन एलायंस के नायक अहमद मसूद ने खारिज कर दिया था।
#Panjshir
— Aśvaka – آسواکا News Agency (@AsvakaNews) September 6, 2021
In this Footage you can see the presence of the #Taliban in the Governor house & different areas of the province. pic.twitter.com/QqRenzixlp
पंजशीर गवर्नर के कार्यालय पर तालिबानी झंडा फहराने की तस्वीर सामने आई है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत को भी पूरी तरह जीत लिया गया है।
ولایت پنجشیر آخرین لانهء دشمن مزدور نیز به گونه کامل فتح گردید https://t.co/95ySJ5ppo6 pic.twitter.com/CCWKFt0zsb
— Zabihullah (..ذبـــــیح الله م ) (@Zabehulah_M33) September 6, 2021
असवाका न्यूज एजेंसी की ओर से एक तस्वीर जारी हुई है। इस तस्वीर में पंजशीर गवर्नर कार्यालय के सामने तालिबान के सदस्यों खड़े दिखाई दिए हैं। तालिबान का दावा है कि उसने पंजशीर पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है। तालिबान ने कहा है, “अल्लाह की मदद से और हमारे राष्ट्र के व्यापक समर्थन के साथ, देश की पूर्ण सुरक्षा के लिए हमारे अंतिम प्रयासों का परिणाम निकल आया है और पंजशीर पूरी तरह से जीत लिया गया है। अब पंजशीर घाटी इस्लामी अमीरात के नियंत्रण में आ गया है।”
#Breaking
— Aśvaka – آسواکا News Agency (@AsvakaNews) September 6, 2021
Taliban entered to the Panjshir province Governor Office.
Panjshir Province has completely captured, “says the Taliban Spokesman”.https://t.co/DouEN9FB1D
वहीं रेजिस्टेंस फोर्स ने तालिबान के दावे को खारिज करते हुए कहा कि हर रणनीतिक जगह पर उनकी मौजूदगी है। जब तक न्याय और आजादी नहीं मिल जाती है, तब तक जंग जारी रहेगी। बताया जा रहा है कि खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह गुप्त स्थान से एनआरएफ का नेतृत्व कर रहे हैं। इससे पहले उनके और अहमद मसूद के पहाड़ों में छिपने की खबर आई थी। यह बात भी सामने आई थी कि मसूद के बातचीत के प्रस्ताव को खारिज करते हुए तालिबान ने हथियार डालने या मरने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी।
बताया जा रहा है कि तालिबानी आतंकियों कई दिनों से चल रही घेरेबंदी के बाद रविवार रात को जोरदार हमला किया और पंजशीर के विद्रोहियों के किले को ध्वस्त कर दिया। इस तालिबानी-पाकिस्तानी हमले में ताजिक मूल के विद्रोही नेता अहमद मसूद को बड़ा झटका लगा है और उनके प्रवक्ता फहीम दश्ती और शीर्ष कमांडर जनरल साहिब अब्दुल वदूद झोर की मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि पंजशीर की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना भी तालिबान की मदद कर रही है। खबर है कि यहाँ पाकिस्तानी से ने ड्रोन की मदद से बमबारी की है। मसूद ने ट्विटर कर इस संबंध में पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “हमसे तालिबान नहीं लड़ रहा है, बल्कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उसका नेतृत्व कर रहे हैं। तालिबान इतना मजबूत नहीं है कि वो हमारे साथ मुकाबला कर सके। पाकिस्तानी सेना उसका सहयोग कर रही है।” इससे पहले पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी पंजशीर में पाकिस्तान समर्थित हमले की बात कही थी।