अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद अब सरकार बनाने के लिए तालिबान आखिरी चरणों में है। यह बात भी लगभग साफ हो चुकी है कि तालिबान शासन की कमान मुल्ला बरादर को सौंपी जाएगी। लेकिन तालिबान के अस्तित्व में आने के बाद से लगातार महिलाओं के शोषण के आरोप लगते जा रहे हैं।
एक ओर जहाँ तालिबान के प्रवक्ता दुनिया के सामने ये बयान दे रहे हैं कि तालिबान की सरकार में महिलाओं को काम करने की आजादी दी जाएगी तो दूसरी ओर तालिबानी फरमान चौंकाने वाले रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, तालिबान ने कहा है कि देश में केवल हिजाब पहनने वाली महिलाओं को ही शिक्षा और रोजगार का अधिकार मिलेगा।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने शुक्रवार (सितंबर 3, 2021) देर रात ‘फॉक्स न्यूज’ से कहा, “महिलाओं के अधिकारों के बारे में कोई समस्या नहीं होगी। उनकी शिक्षा और काम के बारे में भी कोई समस्या नहीं होगी। हमारी संस्कृति है कि वे हिजाब के साथ शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं। वे हिजाब के साथ काम कर सकती हैं।” उन्होंने साफ कर दिया कि इसके बिना समाज में रहने का अधिकार इस्लाम और शरियत नहीं देता। उन्होंने कहा कि अमेरिका की संस्कृति और जीने का ढंग यहाँ चलने वाला नहीं है।
प्रवक्ता सुहैल ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से महिलाओं के बिना हिजाब के काम करने और शिक्षा प्राप्त करने के अधिकार को सुनिश्चित करने की सिफारिश की थी। जो अफगानी संस्कृति को बदलने का एक प्रयास था। संगठन के दृष्टिकोण से यह अस्वीकार्य है।
बता दें कि तालिबान ने एक सप्ताह तक अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों पर हमलों और कब्जे के बाद 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश किया। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी को पद से इस्तीफा देकर मुल्क छोड़ना पड़ा और अमेरिका समर्थित सरकार गिर गई।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का खौफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। तालिबान के इस्लामी कट्टरपंथी क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए निर्दोष लोगों को भी मार रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान ने पिछले दिनों एक 21 वर्षीय लड़की की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि उसने टाइट कपड़े पहने थे और उसके साथ कोई पुरुष रिश्तेदार नहीं था।
खबरें आ रही हैं कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबानी आतंकी बेगुनाह लोगों को जबरन घरों से बाहर निकालकर मार रहे हैं। उन्होंने जिन इलाकों पर कब्जा कर लिया है, वहाँ शरियत कानून लागू करते हुए महिलाओं के अकेले घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है।