अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा करने के बाद पाकिस्तान को धोखा दे दिया है। तहरीक-ए-तालिबान के मुद्दे पर अफगान तालिबान ने स्पष्ट कहा है कि टीटीपी खुद पाकिस्तान की समस्या है, उसकी नहीं। इसलिए वो खुद ही उससे (टीटीपी) निपटे। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने स्पष्ट कर दिया है कि तालिबान पाकिस्तान की कठपुतली बनकर नहीं रहने वाला है।
जबीउल्लाह मुजाहिद ने जियो न्यूज को दिए साक्षात्कार में दो टूक कहा कि उसका तहरीक ए तालिबान से कोई लेना देना नहीं है। इस समस्या को पाकिस्तान, उसके उलेमा या धार्मिक नेता देखें। तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान टीटीपी से निपटने को लेकर क्या रणनीति अपनाता है उससे हमारा कोई मतलब नहीं है। इस बीच तालिबान प्रवक्ता ने कहा है कि तालिबान किसी भी तरह से अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी घटनाओं के लिए नहीं होने देगा।
तालिबानी प्रवक्ता के मुताबिक, अगर अफगानिस्तान के तालिबान को टीटीपी अपना नेता मानता है तो उसे उसकी बात भी माननी होगी। इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कवायद को लेकर भी स्पष्ट किया है कि जल्दी ही अफगानिस्तान में सरकार का गठन किया जाएगा। इसको लेकर सभी पहलुओं पर चर्चाएँ हो रही हैं।
उल्लेखनीय है कि तालिबान का ये बयान पाकिस्तान के मुँह पर करारे तमाचे के समान है जो ये तालिबान की जीत को अपनी जीत समझ रहा था। हाल ही में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को भारत के साथ जोड़ते हुए पाकिस्तान के बड़बोले गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा था कि पूरी दुनिया देख रही है कि भारत शोक में है। भारत अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकाल रहा है और यह उसकी हार को दिखाता है।
गौरतलब है कि इसी महीने तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से सभी देश वहाँ से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल रहे हैं। इसी क्रम में भारत सरकार ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ चला रही है।