तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने अफगानिस्तान में सत्ता स्थापित करने के लिए तालिबान को बधाई दी है। साथ ही कहा कि पाकिस्तान और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। TTP के अफगान तालिबान के साथ संबंध बेहतर हैं और TTP उससे सहायता की उम्मीद भी करता है।
TTP के प्रमुख मुफ्ती नूर वली महसूद ने तालिबान के प्रमुख मुल्ला हिबतुल्लाह अखुंदजादा को तालिबान की जीत पर बधाई दी है। महसूद ने इस्लामी एमिरेट्स का पूर्णतः सहयोग करते हुए अफगानी तालिबान के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की है और कहा है कि तालिबान की यह जीत समूचे मुस्लिम उम्माह की जीत है और इस्लामी उम्माह का भविष्य इस जीत पर निर्भर करता है।
महसूद ने यह भी कहा कि अफगान तालिबान के साथ TTP के बेहतर संबंध हैं। इसके चलते TTP को तालिबान की भरपूर सहायता मिल सकती है। इसी के मद्देनजर TTP प्रमुख महसूद ने दावा किया है कि संगठन पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगा। महसूद ने यह शपथ ली है कि पाकिस्तानी सैन्य बल और CPEC के खिलाफ TTP के हमले जारी रहेंगे। हालाँकि महसूद ने यह भी स्पष्ट किया है कि TTP पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अफगानिस्तान की जमीन का उपयोग नहीं करेगा, बल्कि पाकिस्तान की जमीन पर रहकर ही संघर्ष जारी रखेगा। TTP ने जनजातीय इलाकों पर अधिकार करने और उसे आजाद करने की उम्मीद जताई है।
इसके अलावा महसूद ने TTP के लगभग 1,000 कमांडर्स को काबुल की बगरम जेल से रिहा करने के लिए तालिबान प्रमुख को शुक्रिया कहा है। इनमें से कई TTP के उच्च स्तर के कमांडर थे। तालिबान द्वारा रिहा किए गए कैदियों में महसूद के बाद TTP का दूसरे नंबर का नेतृत्वकर्ता मौलवी फकीर मोहम्मद भी शामिल है। TTP प्रमुख महसूद ने यह भी दावा किया है कि उसके लगभग 6,000 सदस्य ऐसे हैं जो तालिबान के साथ लड़ाई में शामिल हैं।