बांग्लादेश में मंदिरों और हिंदू अल्पसंख्यकों पर क्रूर अत्याचार लगातार जारी है। इसकी वजह से वहाँ का अल्पसंख्यक समुदाय बेहद डरा हुआ है। बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकारों को लेकर मुखर संस्था ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ (बीएचयूसी) की रिपोर्ट के अनुसार, ईशनिंदा के झूठे आरोपों को लेकर हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही हिंसा के बीच इस्लामी कट्टरपंथियों ने देश के चटगाँव डिवीजन के फेनी जिले में एक बार फिर से अल्पसंख्यकों पर हमला किया है।
बीएचयूसी ने शनिवार (16 अक्टूबर, 2021) रात एक ट्वीट में कहा, ”नोआखली के बाद इस बार फेनी में। फेनी की स्थिति बहुत तनावपूर्ण है, तीन-तरफा झड़पें हुईं, मंदिर पर हमले, कई घायल।”
After Noakhali, this time in Feni. The situation in Feni is very tense, three-way clashes – temple attacks, many injured. https://t.co/2XY10bBKi9
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 16, 2021
बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने 14 सेकंड का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया है। इसमें कट्टरपंथी इस्लामवादियों को सड़कों पर तबाही मचाते हुए देखा जा सकता है। लाठियों से लैस उन्मादी भीड़ बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गई और फिर फेनी जिले में हिंदूओं और हिंदू मंदिरों पर एक साथ हमला किया। इसमें काले रंग के कपड़े पहने और सफेद रंग की टोपी लगाए शख्स हाथों में लाठी लिए लोगों को मारने के लिए उनके पीछे भागते हुए दिखाई दे रहा है।
Hindu temples in Feni are under attack. pic.twitter.com/6SLd7iRgLh
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 16, 2021
कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने फेनी जिले में फैलाया आतंक
BDNews24 ने बताया कि कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने फेनी जिले में हिंदू समुदाय पर हमला किया है। यह हमला इस्लामी कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के चटगाँव डिवीजन के चाँदपुर, कुमिला और नोआखली जिलों में दुर्गा पंडालों और हिंदू मूर्तियों की तोड़फोड़ को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदूओं के खिलाफ किया है। शनिवार को शाम 4:30 बजे से 11:30 बजे के बीच किए गए हमले के दौरान, मंदिरों को लूट लिया गया और तोड़फोड़ की गई।
कथित तौर पर बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अध्यक्ष, शुकदेब नाथ तपन पर जोयकाली मंदिर के पास इस्लामी भीड़ द्वारा हमला किया गया था। हिंदू समुदाय उक्त मंदिर से पुराने ढाका-चटगाँव हाईवे के ट्रंक रोड तक मार्च निकालने की तैयारी कर रहा था। ट्रंक रोड बारा मस्जिद के पास जमा हुए इस्लामवादियों ने हिंदुओं पर लाठियों और ईंटों से हमला किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने फेनी शहर में एक बड़ी टीम तैनात की। उन्होंने अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले भी दागे।
प्रभारी अधिकारी (फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन) निजामउद्दीन के अनुसार, झड़पों के दौरान 40 से अधिक लोग घायल हो गए। इसके बाद उन्हें फेनी जनरल अस्पताल ले जाया गया। शुकदेब के मुताबिक, जिला प्रशासन ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीएफ) और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) को भेजने में समय लिया। हमलावरों ने कालीपाल में एक यात्री वाहन को आग लगा दी, क्रूड बम फेंके, एक दमकल की गाड़ी में तोड़फोड़ की और जोयकाली, जगन्नाथबाड़ी, कालीबाड़ी मंदिर और गाजीगंज आश्रम जैसे हिंदू मंदिरों पर हमला किया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी की स्टूडेंट विंग की छात्रा जिसका नाम शिबिर है, वो भी अपराधियों में शामिल थी। अवामी लीग और उसकी स्टूडेंट विंग बांग्लादेश छात्र लीग के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने हमलावरों का विरोध करने की कोशिश की। इंस्पेक्टर मोनिर हुसैन (फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन) ने कहा, “हमें दुकानों में तोड़फोड़ की रिपोर्ट मिली है। हम इस पर काम कर रहे हैं।”
बता दें कि सोशल मीडिया पर 13 अक्टूबर की रात हिंदुओं द्वारा कथित रूप से कुरान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए एक फेसबुक पोस्ट वायरल की थी। इसके बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बड़े पैमाने पर और लगभग पूरे बांग्लादेश में फैल गई, जो अभी भी जारी है। इस हिंसा के दौरान इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कई दुर्गा पंडालों में तोड़फोड़ की और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया। कट्टरपंथी यहीं नहीं रूके, उन्होंने इलाके के मंदिरों के साथ-साथ हिंदुओं के घरों और दुकानों में भी लूटपाट की और उसके बाद आग के हवाले कर दिया। चार दिन बाद शनिवार (16 अक्टूबर) को भी हिंदुओं के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसा जारी रही।