नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। उनकी अपनी ही सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेताओं ने उनसे इस्तीफा माँग लिया है। मंगलवार (जून 30, 2020) को नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई, जिसमें पीएम ओली से इस्तीफे की माँग की गई।
Ruling Communist Party’s Co-Chair Pushpa Kamal Dahal and other senior leaders Madhav Nepal, Jhala Nath Khanal and Bamdev Gautam ask for PM KP Oli’s resignation in a standing committee meeting of the party, citing his failure over various issues. pic.twitter.com/4ev6MMQqYR
— ANI (@ANI) June 30, 2020
सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की आपसी घमासान काफी बढ़ गया है। सत्ता संघर्ष में पीएम केपी शर्मा ओली और पार्टी सह-अध्यक्ष पुष्पा कमल दहल प्रचंड आमने सामने आ गए हैं। पार्टी की स्थाई समिति की बैठक में प्रचंड और अन्य वरिष्ठ नेता माधव नेपाल, झाला नाथ खनाल और बामदेव गौतम ने भारत सहित विभिन्न मुद्दों पर अपनी विफलता का हवाला देते हुए पीएम केपी ओली का इस्तीफा माँगा।
गौरतलब है कि इससे पहले पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ उनको समर्थन को अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल मान चुके हैं। पार्टी की स्थाई समिति की पिछली बैठक में प्रचंड ने साफ तौर पर कहा था कि पार्टी के अध्यक्ष पद और प्रधानमंत्री पद में से ओली को कोई एक पद चुनना पड़ेगा। सरकार और पार्टी के बीच समन्वय का अभाव है।
बता दें कि हाल ही में ओली ने अपनी कुर्सी पर छाए संकट के लिए भारत पर दोषारोपण किया था और कहा था कि उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। यही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें कुर्सी से हटाना असंभव है। उन्होंने आरोप लगाए थे कि भारत ने काठमांडू स्थित दूतावास में और एक होटल में उनकी सरकार गिराने के लिए साजिश रची है।
उनकी दलील है कि भारत उनसे नेपाली संसद से नया राजनीतिक नक्शा पास करवाने के लिए संविधान संशोधन करवाए जाने से नाराज हैं। जबकि हकीकत पहले से ही सामने आ रही है कि न तो उनके कार्यकलापों से उनकी पार्टी के नेता ही खुश हैं और न ही विपक्षी नेपाली कॉन्ग्रेस। नेपाली पीएम ने कहा था कि उन्हें पद से हटाने के लिए खुली दौड़ हो रही है। किसी ने सोचा नहीं था कि नक्शे को छापने के लिए किसी पीएम को पद से हटाया जाएगा।