ब्रिटेन के स्कूलों में हिन्दू छात्रों की स्थिति दयनीय होती जा रही है, जिससे अभिभावक भी परेशान हो गए हैं। इन छात्रों को कहा जाता है कि अगर उन्हें प्रताड़ना से बचना है तो वो इस्लाम मजहब अपना लें। एक ‘थिंक टैंक’ ने अपनी जाँच में पाया है कि क्लासरूम में हिन्दू छात्रों का मजाक बनाया जाता है। मुस्लिम छात्र उन्हें कहते हैं कि अगर उन्हें आसान ज़िन्दगी चाहिए तो वो इस्लाम में धर्मांतरण कर लें। ‘हेनरी जैक्सन सोसाइटी’ ने ये अध्ययन किया है।
हाल ही में ब्रिटेन के लेस्टर और बर्मिंघम में हिन्दुओं को जम कर निशाना बनाया गया था। एक तो मुस्लिम भीड़ ने उनके खिलाफ जम कर हिंसा की, ऊपर से वहाँ के बीबीसी जैसे मीडिया संस्थानों ने पीड़ित हिन्दुओं को ही गुंडा बता कर बदनाम किया। कुछ इसी तरह का भेदभाव हिन्दू छात्रों के प्रति ब्रिटेन के स्कूलों में भी पनप रहा है। सर्वे में 50 प्रतिशत हिन्दू अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चों को स्कूलों में घृणा का सामना करना पड़ा।
एक हिन्दू छात्रा पर तो उसके क्लासमेट्स ने बीफ फेंक दिया। ये स्थिति तब है, जब ब्रिटेन में हिन्दू तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या वाला समाज है। ब्रिटेन में 10 लाख से भी अधिक हिन्दू रहते हैं। अब शेर्लोट लिटिलवुड द्वारा लिखित नया डॉक्यूमेंट जो सामने आया है, वो चौंकाने वाला है। वो कट्टरवाद के विरोध में सक्रिय रहे हैं और और रिसर्च फेलो हैं। उन्होंने 988 हिन्दू अभिभावकों से बातचीत की और देश भर में लगभग 1000 स्कूलों का सर्वे किया।
सितंबर 2022 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के बाद लेस्टर की पुलिस ने 55 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन पर संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने, मारपीट करने, चाकू घोंपने और मंदिरों पर हमले के आरोप हैं। थिंक टैंक ने पाया है कि ये हिंसा हिन्दू और मुस्लिम युवाओं के बीच झगड़े से शुरू हुई। इसका कारण था – लेस्टर में हिन्दू कट्टरपंथियों के होने की झूठी अफवाह का फैलना। जो स्कूली बच्चों के साथ हो रहा है, बाहर हिन्दुओं के साथ भी उसी तरह की घटनाएँ हो रही हैं।
स्कूलों में हिन्दू छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव की घटनाओं और लेस्टर में हिन्दुओं के विरुद्ध हुई हिंसा में भी समानता है। जैसे, हिन्दुओं को बीफ को लेकर नीचा दिखाना और उनके शाकाहारी होने का मजाक उड़ाना। साथ ही उनके देवी-देवताओं को भी अपमानित किया जाता है। लेस्टर हिंसा में ये सब सामान्य हो चला था। भारत में मुस्लिमों के साथ भेदभाव का आरोप लगा कर यहाँ हो रही घटनाओं के लिए भी ब्रिटेन के हिन्दू छात्र-छात्राओं को घृणा का पात्र बनाया जाता है।
इतना ही नहीं, ब्रिटेन के स्कूलों में हिन्दू छात्र-छात्राओं को ‘काफिर’ कह कर भी अपमानित किया जाता है। उनसे कहा जाता है कि वो मुस्लिम बन जाएँ, वरना उनका जीवन नरक कर दिया जाएगा। एक बच्चे को कहा गया कि अगर जन्नत जाना चाहते हो तो इस्लाम में आ जाओ, वरना नहीं बचोगे। एक को कहा गया कि फ़ूड-चेन में हिन्दू सबसे नीचे हैं, उन्हें खा कर खत्म कर दिया जाएगा। एक को तो इस्लामी मुबल्लिग के वीडियो दिखा कर धर्मांतरित होने को कहा गया।
भारत में जाति व्यवस्था और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के पूजन को लेकर कई भ्रांतियाँ फैला कर इसी आधार पर हिन्दू छात्र-छात्राओं को अपमानित किया जाता है। दीवाली पर उन्हें छुट्टी भी नहं दी जाती है। केवल 1% स्कूल ही ऐसे हैं, जिन्होंने हिन्दू बच्चों के खिलाफ हुई घटनाओं का संज्ञान लिया। सांसद बेन एवेरिट ने कहा कि अध्ययन के निष्कर्ष भयावह हैं और धार्मिक शिक्षा में उन्होंने सुधर और बदलाव की वकालत की।
51% of Hindu parents say their child has experienced anti-Hindu hate in schools whilst < 1% of schools have reported the same in the last 5 yrs.
— Charlotte Littlewood (@CharlotteFLit) April 17, 2023
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उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म को लेकर घृणा का भाव रख कर उलटी-सीधी चीजें पढ़ाई जा रही हैं, जिसके कारण ये सब हो रहा है। उन्होंने ऐसे मामलों से कड़ाई से निपटने की सलाह स्कूलों को दी। उन्होंने कहा कि विविधता वाले देश यूके में अगर सामाजिक रूप से एक विकसित भविष्य चाहिए तो स्कूली स्तर पर भेदभाव रोकना पड़ेगा। ब्रिटेन के स्कूलों में हिन्दू घृणा पर ये पहला अध्ययन है। इस अध्ययन को करने में संस्कृत के शिक्षक डॉ ऋषि हांडा और कारोबारी बैरोनेस वर्मा ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।