Thursday, November 14, 2024
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ट्रंप सरकार में हिंदू नेता भी, जानिए कौन हैं तुलसी गबार्ड जो होंगी अमेरिकी इंटेलीजेंस की मुखिया: बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भी उठा चुकी हैं आवाज

DNI अमेरिका में काफी ताकतवर पद होता है और CIA समेत थल सेना, नौसेना और वायुसेना तक की खुफिया शाखाएँ इसी के अंतर्गत काम करती हैं। CIA का मुखिया सीधे तौर पर DNI को जवाबदेह होता है। DNI के अंतर्गत 10 से अधिक खुफिया एजेंसियाँ होती हैं। DNI सीधे तौर पर इनसे आई जानकारियाँ अमेरिकी राष्ट्रपति को देता है।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुने के जाने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने जनवरी में अपना कार्यकाल चालू होने से पहले ही महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ चालू कर दी हैं। इसी कड़ी में ट्रम्प ने अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद तुलसी गबार्ड को डायरेक्टर ऑफ़ नेशनल इंटेलिजेंस (DNI) नियुक्त किया है। उनका यह कार्यकाल जनवरी, 2025 से चालू होगा।

डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार (14 नवम्बर, 2024) को यह नियुक्ति की है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर डोनाल्ड तुलसी गबार्द के नाम का ऐलान करते हुए लिखा, “दशकों से तुलसी हमारे देश और सभी अमेरिकियों के लिए लड़ती रही हैं। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन में भाग लेने वाली तुलसी को दोनों पार्टियों में अच्छा समर्थन भी है।”

ट्रम्प ने आगे लिखा, ”अब वह एक रिपब्लिकन हैं! मुझे पता है कि तुलसी अपने शानदार करियर को परिभाषित करने वाली निडर भावना को हमारी इंटेलिजेंस कम्युनिटी में लाएँगी। वह हमारे संवैधानिक अधिकारों की वकालत करेगी और शांति भी सुनिश्चित करेगी। तुलसी हम सभी को गौरवान्वित करेंगी।” तुलसी गबार्ड ने अपनी नियुक्ति पर ट्रम्प को धन्यवाद दिया है।

DNI अमेरिका में काफी ताकतवर पद होता है और CIA समेत थल सेना, नौसेना और वायुसेना तक की खुफिया शाखाएँ इसी के अंतर्गत काम करती हैं। CIA का मुखिया सीधे तौर पर DNI को जवाबदेह होता है। DNI के अंतर्गत 10 से अधिक खुफिया एजेंसियाँ होती हैं। DNI सीधे तौर पर इनसे आई जानकारियाँ अमेरिकी राष्ट्रपति को देता है।

तुलसी गबार्ड पूर्व में डेमोक्रेट पार्टी की सदस्य थीं लेकिन 2020 के बाद उनका मोहभंग हो गया और ट्रम्प की समर्थक बन गईं। उन्होंने 2022 में ट्रम्प को समर्थन दिया था। अब वह अमेरिका में खुफिया नेटवर्क का नेतृत्व करेंगी। अमेरिकी कैबिनेट में यह महत्वपूर्ण जगह पाने वाली वह पहली भारतीय-अमेरिकी हैं।

तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी सेना में भी अपनी सेवाएँ दी हैं। उन्होंने ईराक, कुवैत और अफ्रीका समेत बाकी जगहों पर सैन्य सेवाएँ दी हैं। वह वर्तमान में अमेरिकी सेना के रिजर्व बलों में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। तुलसी गबार्ड अमेरिकी कॉन्ग्रेस में चुनी जाने वाली पहली हिन्दू महिला थीं।

तुलसी गबार्ड हिन्दुओं के अधिकारों को लेकर भी बोलती आई हैं। उन्होंने 2021 में अमेरिकी कॉन्ग्रेस में एक बिल भी पेश किया था जिसमें बांग्लादेशी हिन्दुओं और बाकी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लकर बात कही गई थी। उन्होंने इस बिल में पाकिस्तान और पाकिस्तानी फ़ौज की भी आलोचना की थी।

तुलसी गबार्ड पाकिस्तान और उसके द्वारा भारत में फैलाए गए आतंक को लेकर भी लगातार बोलती रही हैं। उन्होंने 2019 में पुलवामा में फिदायीन हमले के बाद पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक पाकिस्तान इन आतंकियों को पालना पोसना बंद नहीं करेगा तब तक शांति स्थापित नहीं हो सकती।

तुलसी गबार्ड की नियुक्ति के बाद विदेशी सम्बन्धों के विशेषज्ञ इस बात की आशा जता रहे हैं कि अब भारत और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों के बीच सामंजस्य और मजबूत होगा। साथ ही में पाकिस्तान पर भी आतंक को मदद ना करने का दबाव बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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