“हर महीने 1-2 किलो मांस खाने के बजाय, आधा किलो खाओ। हम 2 किलो टमाटर खरीदते हैं, उनमें से आधे कूड़ेदान में चले जाते हैं। अब से सिर्फ 2 टमाटर खरीदो।”
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआँ (Erdogan) की पार्टी के सांसद ज़ुल्फ़ु डेमिरबाग (Zülfü Demirbağ) ने यह बात कही है। कारण है – तुर्की की मुद्रा लीरा के मूल्यांकन का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में पतन और पूरे देश पर छाए घरघोर आर्थिक संकट के बादल।
सत्ता पार्टी का एक सांसद जब 2 टमाटर खरीदने की बात कह रहा है तो यह जानना भी उतना ही जरूरी है कि वहाँ के विपक्षी सांसद क्या कह रहे हैं। मुख्य विपक्षी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी के प्रवक्ता फैक ओज़्ट्रैक (Faik Öztrak) ने पूरे देश के लोगों पर लादे गए आर्थिक संकट का मजाक उड़ाने के लिए सांसद ज़ुल्फ़ु डेमिरबाग को लताड़ते हुए कहा:
“कुछ तो शर्म कीजिए! लोग रोटी नहीं खरीद पा रहे और आप सब्जियों की बात कर रहे। सत्ता में बैठे लोगों के पास अब शर्म भी नहीं बची है, लोगों का मजाक उड़ा रहे हैं।”
तुर्की की सरकार ने अपने देश की मुद्रा के पतन और उसके कारण खाद्य सामग्रियों की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि का सामना करने के लिए अपने नागरिकों को शाकाहार का सेवन करने का अनुरोध किया है। साथ ही मांसाहार के कम से कम सेवन करने का भी मैसेज सरकार की ओर से दिया जा रहा है।
तुर्की में आई आर्थिक मंदी की बात करें तो वहाँ की मुद्रा लीरा अपने ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुँच गई है। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में मँहगाई दर 20% के करीब है। इस वजह से वहाँ जरूरी वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।
तुर्की में आर्थिक मंदी की शुरुआत
इस साल नवंबर की शुरुआत से लेकर अब तक डॉलर के मुकाबले वहाँ की मुद्रा लीरा में 20% से ज्यादा की गिरावट आई है। इस सब की शुरुआत राष्ट्रपति एर्दोआँ (Erdogan) द्वारा “स्वतंत्रता के लिए आर्थिक युद्ध (economic war of independence)” की घोषणा के बाद से हुई। तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था से निपटने के बजाय राष्ट्रपति एर्दोआँ ने आगे भी दरों में कटौती करने के संकेत दिए हैं।
भयंकर आर्थिक मंदी के बीच अंतरराष्ट्रीय कंपनी ऐपल ने इसी सप्ताह तुर्की में ऑनलाइन बिक्री रोक दी। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि वहाँ की मुद्रा 11, 12 और फिर 13 डॉलर की सीमा से गिर गई, जिससे उत्पादकों के लिए अपने उत्पादों की कीमत तय करना असंभव हो गया।
तुर्की में मुस्लिम बहुसंख्यक
तुर्की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी वाला देश है। हालाँकि यह खुद को धर्मनिरपेक्ष देश मानता/कहता है। एक तथ्य यहाँ के लिए आश्चर्यजनक है। यहाँ जन्म लिया कोई भी बच्चा पैदा होते ही ‘मुस्लिम’ के रूप में सूचीबद्ध कर लिया जाता है। मुस्लिम ही उस बच्चे की राष्ट्रीय पहचान पत्र पर अंकित किया जाता है एक नागरिक के तौर पर। अगर किसी के माता-पिता ने अपने बच्चे के लिए उन्हें संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक धर्म में पंजीकृत नहीं किया हो तो तुर्की में पैदा हुआ हर बच्चा मुस्लिम है।