ब्रिटिश सरकार ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी व गुजरात के सूरत शहर में 1993 में हुए दो बम विस्फोटों में वांछित टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण के लिए भारत का अनुरोध ठुकरा दिया है। ब्रिटेन के गृह विभाग ने इस बात की पुष्टि स्वयं की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के गृह विभाग के सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश मंत्री साजिद जाविद ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इस प्रत्यर्पण के अनुरोध को खारिज किया था।
बता दें, जाविद के फैसले से पहले खुद लंदन हाईकोर्ट ने ये फैसला दिया था कि जाँच एजेंसियों की ओर से प्रदान किए गए सबूतों के आधार पर टाइगर हनीफ को भारत में प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
तभी, भारत ने प्रत्यर्पण संबंधी कागजात मंजूरी के लिए ब्रिटेन के गृह विभाग को भेजे थे। लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री साजिद जाविद ने उस समय टाइगर हनीफ के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देने से इंकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी मूल के ब्रिटेन मंत्री के कारण दाऊद के एक करीबी को फिलहाल के लिए राहत मिल गई है। लेकिन दूसरा करीबी जबीर मोतीवाला अभी भी ड्रग संबंधी मामले में ब्रिटिश जेल में बंद है और प्रत्यर्पण के आरोपों का सामना कर रहा है।
खबरों के मुताबिक, टाइगर हनीफ का असली नाम हनीफ मोहम्मद उमरजी पटेल है। जिसकी गिरफ्तारी मेट्रोपोलिटन पुलिस ने एक किराने की दुकान पर नजर आने के बाद व भारतीय एजेंसियों की सूचना के आधार पर की थी। उस समय स्कॉटलैंडयार्ड पुलिस ने इंटरपोल की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर उसे गिरफ्तार किया था।
यहाँ अदालती कार्यवाहियों के दौरान वह एक बात बोलता रहा कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने पर उसे यातना दी जाएगी। मगर, भारतीय जाँच एजेंसियों द्वारा पेश किए गए सबूतों पर यूके की निचली अदालत और बाद में लंदन अदालत ने टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी।
उसके बाद ये मामला गृह विभाग के पास पहुँचा, जहाँ साजिद जाविद ने मामले को अंतिम चरण पर पहुँचने से पहले रोक लगा दी। साजिद जाविद के बारे में मौजूदा सूचना के अनुसार, वह एक बस ड्राइवर का बेटा है, जो कुछ समय पहले पाकिस्तान से ब्रिटेन आकर बस गए थे।
यहाँ बता दें कि टाइगर हनीफ को दाऊद इब्राहिम का करीबी बताया जाता है और ये भी कहा जाता है कि दाऊद की डी कंपनी के लिए वो काम कर चुका है। इसके अलावा ब्रिटेन में रहते हुए वो इकबाल मिर्ची के कॉन्टेक्ट में भी आया था।
रिपोर्ट्स बताती है कि टाइगर की प्रत्यर्पण के संबंध में उसके वकीलों ने गृह विभाग से अनुरोध किया था और कहा था कि अगर उसे भारत भेजा गया तो उसे बहुत परेशान किया जाएगा। इसलिए वे इस अर्जी को खारिज करें। जानकारी के अनुसार, 60 साल के टाइगर हनीफ के खिलाफ हथियारों और विस्फोटकों के इस्तेमाल से जुड़े अपराध, संगठित अपराध और आतंकवाद के आरोप हैं।
साथ ही उसके ख़िलाफ़ भारतीय एजेंसियों पर ऐसे सबूत भी हैं जिनसे साबित होता है कि 1993 में सूरत के बाजार में हुए बम धमाकों में उसका हाथ था।