अमेरिका की एक एयरलाइंस कंपनी पर आरोप लगा है कि वो नौकरी देने के मामले में भेदभाव कर रही है। उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि अमेरिका स्थित यूनाइटेड एयरलाइंस व्यवसायिक चार्टर उड़ानों में विशेष फीचर और आयु वर्ग के फ्लाइट अटेंडेंट को ही प्राथमिकता देती है। इसके लिए लिए न तो अनुभव देखा जा रहा है और न ही काम करने के तरीके को देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड एयरलाइंस के दो फ्लाइट अटेंडेंट ने एक मुकदमे में दावा किया है कि उन्हें लॉस एंजिल्स डोजर्स बेसबॉल टीम के लिए चार्टर उड़ानों पर काम करने के लिए नहीं रखा गया क्योंकि प्रोफेशनल और कॉलेज स्पोर्ट्स टीमों को सेवा प्रदान करने के लिए कंपनी जवान, खूबसूरत, पतली लड़कियाँ जो मुख्यतः गोरी और नीली आँखों वाली होती हैं, उन्हीं को काम पर रखती है। क्योंकि खिलाड़ी ऐसी अटेंडेंट पसंद करते हैं।
इस मामले ने तब टूल पकड़ा जब 50 साल की डोन टोड और 44 साल की डार्बी क्यूजादा ने दावा किया कि नौकरी देने के मामले में उनकी उपेक्षा की गई और इस तरह की फ्लाइट्स से दोनों को बाहर कर दिया गया। इनके स्थान पर उन महिला सहकर्मियों को चुना गया, जो ‘युवा और पतली’ हैं।
मुकदमे में, जिसे लॉस एंजिल्स टाइम्स ने 25 अक्टूबर, 2023 को लॉस एंजिल्स काउंटी सुपीरियर कोर्ट में दायर किया था, दोनों महिलाओं ने यूनाइटेड की चार्टर उड़ानों के कर्मचारियों के संबंध में नस्ल, राष्ट्रीय मूल, धर्म और उम्र के आधार पर उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाया था।
मुकदमे के अनुसार, सुश्री टॉड और सुश्री क्यूज़ादा दोनों ने यूनाइटेड एयरलाइन्स के लिए 15 वर्षों से अधिक समय तक काम किया है और डोजर्स की उड़ानों के लिए स्टाफ प्रदान करने वाली कंपनी में एक दशक से अधिक समय बिताया है।
मुकदमे में कहा गया है कि वादी के पास आवश्यक अनुभव और योग्यताएँ थीं लेकिन उनके अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वादी श्वेत नहीं थे। वहीं द न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, यह दावा किया गया है कि यूनाइटेड एयरलाइंस ने पिछले मामले का निपटारा कर लिया, जिसमें एयरलाइन पर “युवा, श्वेत, महिला और मुख्य रूप से गोरे या नीली महिला अटेंडेंट को उड़ानों में नियुक्त करने का आरोप लगाया गया था।