अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस्लामिक कट्टरपंथियों की नजर में उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं। 13 जुलाई 2024 को उनकी हत्या की कोशिश की गई थी, जिसमें उनके कान में गोली लगी। इस मामले में हमलावर को सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने तुरंत ढेर कर दिया था। जाँच शुरू हुई तो पाकिस्तानी नागरिक आसिफ मर्चेंट को गिरफ्तार किया गया। आसिफ अमेरिका से भागने की कोशिश कर रहा था। अब पता चला है कि वो अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास में तैनात आईएसआई एजेंट्स के संपर्क में था। इन कड़ियों को अमेरिकी एजेंसियाँ जोड़ रही हैं।
इस मामले में सीएनएन-न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि आसिफ मर्चेंट के आईएसआई लिंक की जाँच एफबीआई कर रही है। ये सूत्र पाकिस्तान से ही जुड़े हैं, जिन्होंने बताया है कि अमेरिकी एजेंसियों ने आसिफ मर्चेंट की जाँच में पाया है कि वो वाशिंगटन डीसी स्थित पाकिस्तानी दूतावास में तैनात आईएसआई एजेंट्स के साथ संपर्क में था और ‘मिलकर’ काम कर रहा था। आसिफ मर्चेंट को जुलाई में ही डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जानकारी के मुताबिक, आसिफ मर्चेंट पाकिस्तान और ईरान की सरकारों के साथ भी काम कर चुका है और इन देशों के दुश्मनों का ‘मुँह बंद’ करने वाले ठेकेदार के तौर पर काम कर रहा था। साफ शब्दों में कहें तो वो ईरान और पाकिस्तान के लिए ‘हिट जॉब’ कर रहा था, जो सुपारी किलिंग की तर्ज पर अपने कारनामों को अंजाम देते हैं। बताया जा रहा है कि आईएसआई अमेरिका में रह रहे उन पाकिस्तानियों को निशाना बना रही है, जो पाकिस्तान सरकार का विरोध करते हैं।
आसिफ मर्चेंट का कराची-तेहरान कनेक्शन
आसिफ मर्चेंट एक बैंकर था। मर्चेंट ने 2010 में कराची बैंक में ब्रांच मैनेजर के रूप में काम किया था। यहाँ उसकी जिम्मेदारी 1,850 मिलियन रुपये से अधिक की संपत्ति और देनदारी पोर्टफोलियो का मैनेजमेंट करना था, लेकिन कुछ समय पहले उसे बैंक ने गड़बड़झाले में पकड़ा और बैंक से बाहर निकाल दिया। उसकी एक बीवी कराची में रहती है। कराची में आलीशान घर में रहता है, यहाँ लक्जरी कारों से लेकर हर सुख-सुविधाएँ मौजूद हैं। उसका एक घर ईरान में भी है, जहाँ उसकी दूसरी बीवी और बच्चे रहते हैं। वो पाकिस्तान-ईरान, सीरिया-इराक और अन्य देशों की यात्रा करता रहता है, जिसमें अमेरिका भी है।
न्याय विभाग ने खुलासा किया कि वह एक बड़े ऑपरेशन की योजना बना रहा था और साजिश को आगे बढ़ाने से पहले पाकिस्तान की यात्रा करने की योजना बना रहा था। उसे 12 जुलाई को गिरफ्तार किया गया, उसी दिन उसने अमेरिका छोड़ने की योजना बनाई थी। उसने कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद भी अमेरिका में एक हमले की योजना बनाई थी।
मर्चेंट के बारे में दावा किया गया है कि वो अमेरिका जाने से पहले वह कई दिनों तक ईरान में रहा। वह इसी साल अप्रैल में अपने प्लान को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से अमेरिका पहुँचा। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को निशाना बनाने, विरोध प्रदर्शन करने एवं ‘हितों’ को पूरा करने के लिए उसने 5 हजार डॉलर की रकम भी दी थी, लेकिन कथित तौर पर उसने जिस हत्यारे को ‘हायर’ किया था, वो एफबीआई का ही आदमी निकला। अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने 16 जुलाई को उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।