2002 में हुए गुजरात दंगो पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने पाकिस्तानी पत्रकार की बोलती बंद कर दी। नेड प्राइस ने कहा कि उन्हें बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के बारे में तो जानकारी नहीं है लेकिन अमेरिका और भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के ऐसे साझा मूल्यों के बारे में जानकारी है जो दोनों देशों के बीच संबंध को मजबूत बनाते हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक नेड प्राइस सोमवार (23 जनवरी, 2023) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उनसे गुजरात दंगो पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर सवाल पूछा। इस पर प्राइस ने जवाब दिया कि जिस डॉक्यूमेंट्री की बात आप कर रहे हैं मुझे उसके बारे में जानकारी नहीं है। प्राइस ने कहा कि कई ऐसे तत्व हैं जो भारत के साथ हमारे वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच अच्छे राजनीतिक और आर्थिक संबंध हैं। इसके अतिरिक्त अमेरिका और भारत के लोगों के बीच भी गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और जीवंत लोकतांत्रिक देश है। भारत और अमेरिकी लोकतंत्र में कई समानताएँ हैं जो हमें एक साथ जोड़ती है। प्राइस ने कहा कि हम उन सभी तत्वों को और मजबूत बनाना चाहते हैं जो दोनों देशों को जोड़ता है।
One of those additional elements are the values that we share, the values that are common to American & Indian democracy. India is world’s largest democracy. It’s a vibrant democracy. We look to everything that ties us together & look to reinforce all those elements: Ned Price
— ANI (@ANI) January 24, 2023
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए प्राइस ने इसे दो देशों के बीच का मामला करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा से दक्षिण एशिया में स्थिरता चाहता है। बता दें कि पाकिस्तन के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shehbaz Sharif) ने ‘अल अरेबिया न्यूज’ चैनल को दिए इंटरव्यू में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि भारत के साथ तीन युद्ध लड़कर पाकिस्तान ने सबक सीख लिया है।
बता दें कि अमेरिका से पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक भी भारत का साथ दे चुके हैं। ब्रिटिश संसद में पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन ने गुजरात दंगो का मुद्दा उठाया था। इस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि इस डॉक्यूमेंट्री में अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से वह सहमत नहीं हैं।