पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। उसने पाकिस्तान के इस कार्यक्रम में मदद एवं उपकरणों की आपूर्ति करने वाली पाँच कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन कंपनियों में चीन की भी कई कंपनियाँ हैं। इसके अलावा, अमेरिका ने एक व्यक्ति पर भी प्रतिबंध लगाया है, जो मिसाइलों के प्रसार में संलिप्त रहा है।
गुरुवार (12 सितंबर 2024) को इसकी घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ उनका सख्त रवैया बरकरार है। मंत्रालय के आदेश में विशेष तौर पर बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) को नामित किया गया है। यह कंपनी सामूहिक विनाश के हथियार और उनके वितरण का काम करती है।
RIAMB ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय विकास परिसर (NDC) के साथ काम किया है। NDC के बारे में अमेरिका का मानना है कि वह पाकिस्तान की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास और उत्पादन में शामिल है। मैथ्यू मिलर ने कहा कि RIAMB ने पाकिस्तान की मिसाइल शाहीन-3 और अबाबील प्रणालियों से जुड़े उपकरणों में पाकिस्तान की मदद की है।
इस कंपनी ने पाकिस्तानी मिसाइल कार्यक्रम के लिए रॉकेट मोटर्स के परीक्षण हेतु उपकरण खरीदने में उसकी मदद की। मैथ्यू मिलर ने आगे कहा, “ये प्रतिबंध इसलिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि इन संस्थाओं और व्यक्तियों ने जानबूझकर मिसाइल टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर किया, जिन पर रोक लगी है।”
Breaking: US imposes sanctions on suppliers to Pakistan's Ballistic missile program; sanctions also includes on China based firms pic.twitter.com/e95x7yrnEy
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 12, 2024
इसके साथ ही चीन की हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज और शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित इनोवेटिव इक्विपमेंट पर भी बैन लगाया है। इस प्रतिबंध में एक चीनी नागरिक को भी शामिल किया गया है, इस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने चीन को उपकरण पहुँचाने में मदद की है।
अमेरिका ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट के खिलाफ उसकी कार्रवाई जारी रहेगी, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने से संचालित क्यों ना हो रही हो। वहीं, चीन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों का विरोध किया है। हालाँकि, इस संबंध में अभी पाकिस्तान की ओर से कोई बयान नहीं आया है।”
अमेरिका स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने इन प्रतिबंधों पर कहा, “चीन इस तरह की एकतरफा प्रतिबंधों का दृढ़ता से विरोध करता है। इस तरह के प्रतिबंध का अंतरराष्ट्रीय कानून या यूएस सुरक्षा परिषद के प्राधिकरण में कोई आधार नहीं है। बीजिंग हमेशा चीनी कंपनियों और लोगों के हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।”
इसके पहले भी अमेरिका ने पाकिस्तान की मिसाइल कार्यक्रम में मदद देने वाली चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया था। इन संस्थाओं ने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी चीजों की सप्लाई की थी। जिन संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था, उनमें बेलारूस का मिन्स्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट शामिल है। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने मिसाइल प्रोग्राम के लिए विशेष वाहन चेसिस की आपूर्ति की है।
यह प्रतिबंध 2005 के कार्यकारी आदेश पर आधारित हैं, जो सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए बनाया गया था। बता दें कि घातक हथियारों के प्रसार से संबंधित एमटीसीआर भारत सहित 35 सदस्यों का एक अंतरराष्ट्रीय समूह है, जो परमाणु हथियारों की वितरण प्रणाली को सीमित करके उनके प्रसार को रोकने के लिए काम करता है।