जहाँ वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले से ही चीन की नाक में दम कर के रखे हुए हैं, वहीं अब वहाँ के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बायडेन से भी उसे डर लगने लगा है। कम्युनिस्ट सरकार के एक सलाहकार का कहना है कि चीन को इस ग़लतफ़हमी को दूर कर लेना चाहिए कि जो बायडेन प्रशासन के अंतर्गत उसके अमेरिका के साथ रिश्ते अपने-आप सुधरने लगेंगे। उसने चेताया कि उनके अंतर्गत अमेरिका अब चीन के खिलाफ और ज्यादा सख्त रवैया अपना सकता है।
‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP)’ की खबर के अनुसार, शेनझेन स्थित थिंक टैंक ‘एडवांस इंस्टिट्यूट ऑफ ग्लोबल एंड कंटेम्पररी चाइना स्टडीज’ के डीन झेंग योंगनियाँ ने कहा कि चीन की सरकार को अमेरिका के साथ रिश्ते बेहतर करने के हर मौके का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को इस सोच से बचना चाहिए कि अमेरिका के साथ उसके रिश्ते वैसे ही हो जाएँगे, जैसे डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से पहले थे।
गुआंगझोउ में ‘अंडरस्टैंडिंग चाइना कॉन्फ्रेंस’ के इतर एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, “वो अच्छे और पुराने दिन अब चले गए हैं। अमेरिका में जो शीत युद्ध की स्थिति है, वो कई वर्षों में अभी सबसे ज्यादा सक्रिय स्थिति में है। ये सब कुछ एक रात में नहीं ख़त्म होगा।”
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूएस-चीन रिश्तों को लेकर लम्बी रणनीति बनाने के लिए झेंग योंगनियाँ को विचार-विमर्श हेतु बुलाया था। SCMP के अनुसार, 40 साल पहले एक-दूसरे के देश में दूतावास स्थापित होने के बाद दोनों के रिश्ते सबसे बुरी स्थिति में हैं।
व्यापार, मानवाधिकार और कोरोना वायरस सहित कई मुद्दों पर दोनों देशों में नहीं बन रही है। Pew के सर्वे में पाया गया था कि 70% अमेरिकी चीन को पसंद नहीं करते हैं। चीनी सरकार के सलाहकार का कहना है कि व्हाइट हाउस में घुसते ही जो बायडेन जनता की इन भावनाओं का फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के समाज के टुकड़े हो गए हैं और जो बायडेन अब कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा:
“वो सचमुच एक काफी कमजोर राष्ट्रपति होंगे। वो तो घरेलू मुद्दों तक को भी नहीं सुलझा सकते हैं। इसी कारण वो कुछ कूटनीतिक स्तर पर करना चाहेंगे और वो होगा चीन के खिलाफ कुछ कार्रवाई करना। अगर हम कहते हैं कि ट्रम्प लोकतंत्र और आज़ादी को बढ़ावा देने में रुचि नहीं रखते हैं, बायडेन हैं। ट्रम्प युद्ध की इच्छा नहीं रखते हैं। लेकिन, नया डेमोक्रेट अमेरिकी राष्ट्रपति युद्ध शुरू कर सकता है। अंतर सिर्फ इतना है कि ट्रम्प एक कारोबारी हैं, जो ऐसे निर्णय लेते हैं जिसकी उम्मीद किसी को न हो। बायडेन क्या करेंगे, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। वो इलीट कूटनीतिज्ञ हैं।”
“Chinese government should utilise every opportunity to mend ties with the US,” said one of China’s top political scientist Zheng Yongnianhttps://t.co/b25XBCQlmO
— WION (@WIONews) November 23, 2020
उन्होंने आगे कहा कि जहाँ ट्रम्प चीन के प्रति बिना सोच-विचार किए ही सख्त हैं, बायडेन तर्कपूर्ण ढंग से सख्त रहेंगे। उन्होंने अमेरिका-चीन के बिगड़ते रिश्तों के लिए वहाँ के घरेलू मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया। झेंग ने कहा कि अमेरिका ने जिस ‘नियो-लिबरल’ आर्थिक विकास मॉडल को अपनाया और बढ़ावा दिया, उसके कारण वहाँ संपत्ति का अंतर बढ़ता चला जा रहा है और उसने समाज को विभाजित कर दिया है।
उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के आंतरिक मामले चीन के साथ रिश्तों को खराब करने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने हुवाई का उदाहरण दिया, जो चिप्स के लिए पहले अमेरिका पर निर्भर था लेकिन अब उसे नुकसान हो रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि चीन की कई कम्पनियाँ अमेरिका से ही कंपोनेंट्स लेकर वैश्विक बाजार में उससे तैयार उपकरण बेचती हैं। उन्होंने कहा कि चीन कई क्षेत्रीय व्यापारिक समझौतों के जरिए आगे रहने की कोशिश कर रहा है।
बता दें कि जो बायडेन ने तुर्की को लेकर भी कहा था कि वो एक ‘असली समस्या’ है और इसे लेकर वो उसे सख्त हिदायत जारी करते। जो बायडेन ने कहा था कि वो तुर्की को सबक सिखाते, भले ही इसके लिए उन्हें ‘सिचुएशन रूम’ में हजारों घंटे ही क्यों न व्यतीत करना पड़े या फिर सीरिया या ईराक में स्थिति सुधारने के लिए क्यों न कुछ भी करना पड़े। चुनाव प्रचार के समय ही उन्होंने साफ़ कर दिया था कि वो तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआँ (Erdogan) से बात कर उन्हें चेता देते कि उन्होंने जो कुछ भी किया है, इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।