बांग्लादेश में मोहम्मद युनुस की अंतरिम सरकार आने के बाद शेख हसीना की पार्टी के कार्यकर्ताओं से चुन चुन कर बदला लिया जा रहा है। बांग्लादेश के बड़े शहर चटगाँव में खुलेआम आवामी लीग के दो कार्यकर्ताओं की हत्या हमलावरों ने कर दी। इससे पहले हिन्दुओं को बड़े स्तर पर हिंसा का निशाना बनाने की खबर बांग्लादेश के अलग-अलग हिस्सों से आती रही हैं। वहीं अब सामने आया है कि हसीना सरकार का तख्तापलट करने के लिए की गई हिंसा में 1000 लोगों की मौत हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चटगाँव के हथाज़री उपजिला में गुरुवार (29 अगस्त, 2024) दो युवकों की हत्या कर दी गई। इनकी पहचान मसूद कैसर (32) और मोहम्मद अनीस (38) के तौर पर हुई है। यह दोनों अब सत्ता से बाहर हो चुकी शेख हसीना की पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। इन दोनों की हत्या बाइक पर बैठ कर दो आए हमलावरों ने कर दी।
हमलावरों ने इन्हें गोली मार दी और फिर घटनास्थल से भाग गए। इनमें एक की मौके पर मौत हो गई जबकि दूसरा यहाँ से भागते हुए मारा गया। आवामी लीग कार्यकर्ताओं की हत्या करने वालों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस इस मामले में अब जाँच कर रही है।
इस घटना ने बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को लेकर जताई जा रही चिंताओं को और गहरा कर दिया है। इससे पहले भी आवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद निशाना बनाया गया था। हिन्दुओं के खिलाफ भी बांग्लादेश में लगातार हिंसा हुई है।
हिंसा में मारे गए 1000 लोग
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में स्वास्थ्य महकमा संभाल रही नूरजहाँ बेगम ने कहा है कि बीते दिनों देश में हिंसा के कारण लगभग 1000 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 400 लोग इन प्रदर्शन में हुई हिंसा के कारण अंधे हो गए हैं। नूरजहाँ ने बताया है कि शेख हसीना को हटाने के लिए हुई हिंसा के दौरान बड़ी संक्या संख्या में पुलिसकर्मी भी निशाना बने हैं। वर्तमान में कई पुलिसकर्मियों का बांग्लादेश के अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
अलग-अलग एजेंसियों ने इस दौरान देश में हुई मौतों का अलग-अलग अनुमान दिया है। सभी का आँकड़ा 600-1000 के बीच है। बांग्लादेश में जुलाई, 2024 में चालू हुई छात्रों का आरक्षण विरोधी आंदोलन जल्द ही शेख हसीना सरकार के विरोध में बदल गया था। इस आंदोलन को जमात-ए-इस्लामी और BNP ने हाइजैक कर लिया था। अगस्त के शुरूआती दिनों तक चले इस आन्दोलन के दौरान बांग्लादेश के भीतर बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था। इस दौरान बाकी लोगों को भी निशाना बनाया गया था।
बढ़ती हिंसा के बाद 5 अगस्त,2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफ़ा दे दिया था और भारत चली आई थीं। इसके बाद मोहम्मद युनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया था। हालाँकि, इस सरकार के आने के बाद भी बांग्लादेश में शान्ति बहाली नहीं हो पाई है। युनुस सरकार के सत्ता में आने के हफ़्तों बाद भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के विरुद्ध लगातार हिंसा जारी है। इसके अलावा शेख हसीना की पार्टी मंत्री-कार्यकर्ता भी निशाने पर हैं।