सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक थ्रेड के जरिए एविएशन सिक्योरिटी विशेषज्ञ और लेखक शिरीष थोराट ने एक वाकया शेयर किया है। यह आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बायडेन द्वारा 28 साल पहले लिए गए उस फैसले को याद करता है, जिससे भारत को खासा नुकसान हुआ था।
शिरीष थोराट ने इसे ‘इंडियन क्रायोजेनिक इंजन एंड अ यूएस सिनेटर’ नाम दिया है। इसमें बताया गया है कि किस तरह रूस पर नियंत्रण के लिए अमेरिका ने 90 के दशक की शुरुआत में उसे 2400 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता की पेशकश की थी।
इसी दौरान ‘क्रायोजेनिक इंजन’ के लिए भारत और रूस के बीच एक करार होने जा रहा था, जिसके तहत भारत रूस से 25 करोड़ डॉलर में इसे खरीदने वाला था। रूस उस वक़्त आर्थिक रूप से उतनी अच्छी स्थिति में नहीं था और उसे अमेरिका से आर्थिक सहायता की ज़रूरत भी थी। उस वक़्त इन इंजिन्स की भारत को आवश्यकता भी थी, खासकर PSLV और GSLV से आगे बढ़ने के लिए। ये इंजन फ्यूल और ऑक्सीडायजर से चलते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश को इससे कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन एक अमेरिकी सिनेटर ने ऐन समय पर वीटो लगा कर कहा कि अगर रूस भारत के साथ इस करार को करता है तो फिर उसे अमेरिकी सहायता नहीं मिलेगी। ये वो दौर था, जब चीन जम कर रूस की तकनीकें खरीद रहा था और इसका भरपूर फायदा उठाते हुए आगे बढ़ रहा था। अमेरिका और उक्त सिनेटर को इससे कोई मतलब नहीं था।
These engines were crucial for Indian Space program. especially to graduate from the PSLVs to GSLVs.
— Shirish Thorat (@shirishthorat) October 11, 2020
President Bush was OK with it. But a democrat senator put in an amendment which stated that IF Russia sold the cryogenic engine to India, this aid package would be scuttled!
चीन और रूस के बीच चल रहे इस खरीद-बेच को लेकर वो आँख मूँदे रहे। जिस सिनेटर ने रूस-भारत की इस करार को रोक कर भारत की अंतरिक्ष की उड़ान में बाधा पहुँचाई, वो आज अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति का उम्मीदवार है और उसका नाम है जो बायडेन।
1992 में ‘लॉस एंजेल्स टाइम्स’ के एक लेख में इस खबर के डिटेल्स प्रकाशित हुए थे। शिरीष ने इसका स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बताया कि उनकी लाख कोशिशों के बावजूद ट्विटर ने उन्हें इस लेख का लिंक नहीं लगाने दिया, न जाने क्यों।
इस खबर में बताया गया है कि कैसे सीनेट के फॉरेन रिलेशंस कमिटी ने रूस से कहा कि वो भारत के साथ 250 मिलियन डॉलर के करार पर आगे बढ़ा तो उसे 24 बिलियन डॉलर की अमेरिका की आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी। जो बायडेन ने तब इसे ‘खतरनाक’ बताते हुए इसे रोकने के लिए प्रस्ताव दिया था। उन्होंने इसे मानवाधिकार और आर्म्स करारों के उल्लंघन के साथ जोड़ कर देखा था। आज जो बायडेन भारतीय समुदाय का वोट माँग रहे हैं।
The senator that scuttled the deal was one JOE BIDEN.
— Shirish Thorat (@shirishthorat) October 11, 2020
The whole issue was covered ina 1992 article of the LA times.
Not surprising though all attempts by me to attach the link to the article were disallowed by @Twitter
I WONDER WHY pic.twitter.com/i0a8qIMDrV
जो बायडेन की पार्टी ने भारतीय मूल की कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। जो बायडेन की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि फॉरेन रिलेशंस कमिटी’ के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने हमेशा अमेरिकी-भारतीयों का ध्यान रखा। उनका दावा है कि डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में भारतीयों को भेदभाव और हमले का सामना करना पड़ा है। उन्होंने भारतीयों को धार्मिक क्रियाकलाप के लिए अस्थायी आर-1 वीजा देने की बात भी कही है।
हाल के दिनों में ओसामा बिन लादेन की 33 वर्षीय भतीजी नूर ने कहा था कि जब बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे और जो बायडेन उप-राष्ट्रपति हुआ करते थे, उस दौर में आईएसआईएस को बढ़ने का अच्छा-खासा मौक़ा मिला। नूर का मानना है कि इसी कारण खूँखार वैश्विक आतंकी संगठन आईएसआईएस का यूरोप तक प्रसार हुआ। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प ने ये दिखा दिया है कि वो विदेशी ताकतों से अमेरिका को और हमें बचा सकते हैं।