हाल ही में देश के आईटी और इलेक्ट्रॉनिकी मामलों के राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने खुलासा किया था कि टेस्ला और SpeceX जैसी कंपनियों के मालिक अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने अपने बेटे का नाम नोबेल विजेता भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक सुब्रमण्यन चन्द्रशेखर के नाम पर रखा है।
दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क के साथ मिलने के बाद यह जानकारी उन्होंने ‘X’ ( पूर्व मेंट्विटर) पर साझा की। उनकी एलन मस्क से यह मुलाक़ात इंग्लैंड में हुई जहाँ पर वह AI सेफ्टी समिट में हिस्सा ले रहे थे। असल में एलन मस्क ने अपने बेटे के नाम में प्रसिद्ध वैज्ञानिक का नाम उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए शामिल किया है।
Haha, yes, that’s true. We call him Sekhar for short, but the name was chosen in honor of our children’s heritage and the amazing Subrahmanyan Chandrasekhar
— Shivon Zilis (@shivon) November 2, 2023
इस बात की पुष्टि शिवोन जिल्स ने भी की है। शिवोन एलन के बच्चों की सरोगेट माँ शिवोन जिल्स ने मंत्री राजीव के ट्वीट के जवाब में लिखा, “यह बात सही है। हम उसे शेखर बुलाते हैं लेकिन यह नाम सुब्रमण्यन चन्द्रशेखर की विरासत के सम्मान में चुना गया था।”
नोबेल विजेता भारतीय-अमेरिकी सुब्रमण्यन चन्द्रशेखर का जन्म अविभाजित भारत के लाहौर में वर्ष 1910 में हुआ था। उनके पिता रेलवे में बड़े अधिकारी थे। सुब्रमण्यन चन्द्रशेखर, एक अन्य नोबेल विजेता भारतीय वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकट रमन के भतीजे थे।
उनकी स्नातक तक की शिक्षा भारत में ही हुई थी। उन्होंने पहले प्रेसिडेंसी कॉलेज मद्रास और फिर इंग्लैंड में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से पढ़ाई की। इसके लिए उन्हें सरकार से छात्रवृत्ति मिली थी। वह इसके पश्चात लम्बे समय तक इंग्लैंड में अलग अलग शोध विषयों पर काम करते रहे। उनके शोध का मुख्य क्षेत्र खगोल विज्ञान था।
चन्द्रशेखर ने वर्ष 1936 में अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में पढ़ाना चालू किया था। इसके पश्चात वह अपने पूरे कैरियर के दौरान यहीं प्रोफ़ेसर रहे। उनके पास अन्य कई विश्वविद्यालय से भी प्रोफ़ेसर बनने का मौका आया लेकिन वह नहीं गए। उन्हें शिकागो विश्वविद्यालय में मात्र 33 वर्ष की आयु में 1943 में प्रोफ़ेसर का दर्जा दे दिया गया था।
अमेरिका में ही काम करने के दौरान ही उन्होंने वर्ष 1953 में अपनी पत्नी सहित अमेरिकी नागरिकता ले ली थी। वह 1952 से लेकर 1971 तक खगोल विज्ञान के विषय में खबरें छापने वाली एक मैग्जीन के भी सम्पादक रहे।
वर्ष 1983 में उन्हें तारों के ढाँचे और उनके बदलाव पर शोध करने के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। नोबेल पाने के 12 वर्षों के भीतर वर्ष 1995 में उनकी मृत्यु हो गई थी। गौरतलब है कि उनके नाम पर अपने बेटे का नाम रखने वाले एलन मस्क भी अन्तरिक्ष में काफी रुचि रखते हैं। एलन की कम्पनी स्पेसएक्स लगातार इस क्षेत्र में नई खोजें कर रही है।