ओमीक्रॉन और फ्लोरोना पर चर्चा के बीच चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने स्वीकार किया है कि वहाँ के शियान (Xi’an) शहर में फिर से वुहान जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है। ‘चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC)’ के पूर्व प्रमुख महामारी विशेषज्ञ ने कहा है कि वुहान में हुए लॉकडाउन के बाद हाल ही में शियान शहर में उपजी परिस्थिति सबसे बदतर है। शियान कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से जूझ रहे हैं। ये वुहान में मिले ओरिजिनल स्ट्रेन से कई गुना ज्यादा तेज़ी से फैलता है।
खुद ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कबूल किया है कि शियान अब चीन का दूसरा वुहान बन रहा है। बता दें कि ये शहर चीन के उत्तर-पश्चिमी प्रांत शांक्सी (Shaanxi) की राजधानी है, जहाँ पिछले दो सप्ताह से लॉकडाउन लगा हुआ है और वहाँ की 13 लाख की जनसंख्या के लिए क्वारंटाइन सिस्टम विकसित करने में पसीने छूट रहे हैं। ‘नुक्लेइक एसिड टेस्टिंग’ के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई है। मंगलवार (4 जनवरी, 2022) को भी यहाँ कोरोना के 95 नए मामले सामने आए हैं।
हालाँकि, ‘ग्लोबल टाइम्स’ स्थानीय प्रशासन के हवाले से दावा कर रहा है कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोक लिया गया है और नए मामलों का अधिकतर क्वारंटाइन हुए लोगों में ही मिल रहा है, बाहर रह रहे लोगों में नहीं। 1700 कोरोना के मामलों में से यहाँ 195 सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों में मिले हैं। पाबंदियों के कारण स्थानीय लोग रोजमर्रा के जरूरत की चीजों की कमी से जूझ रहे हैं। चीन के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि पूरा देश शियान का सपोर्ट करेगा तो शुरुआती दौर में इससे उबरने में मदद मिलेगी।
A former chief epidemiologist from the China CDC said that the latest outbreak in Xi’an is the worst one after the Wuhan lockdown, as the city faces the Delta variant, which spreads much faster than the original virus strain in Wuhan https://t.co/KnR7AR6WCt https://t.co/Yiaw99B5v4
— Global Times (@globaltimesnews) January 4, 2022
उत्तर-पश्चिमी चीन के सबसे बड़े शहर में 387 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। बाहर से सप्लाइज मँगाने की जरूरत पड़ रही है। कई बड़ी कंपनियों को वित्तीय मदद के साथ-साथ सब्जियों और माँस की सप्लाई के लिए मैदान में उतरना पड़ा है। 2020 में वुहान में शुरुआती दौर में उपजी स्थिति को याद करते हुए लोग ऑनलाइन मदद माँग रहे हैं। लोग स्थानीय प्रशासन व व्यवस्था की आलोचना कर रहे हैं। सरकार की मदद काफी देर से पहुँच रही है, जिससे लोगों में गुस्सा है।