Monday, December 23, 2024
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‘बुराई को हटाने के लिए दवा ज़रूरी’: उइगर मुस्लिमों के खिलाफ क्रूरता में सीधे शी जिनपिंग का हाथ, 317 पन्नों के गुप्त दस्तावेजों से खुलासा

2013-14 में चीन में हुए आतंकी हमलों के आरोप उइगर मुस्लिमों पर लगाए गए, जिसके बाद मुस्लिमों पर अत्याचार का निर्णय लिया गया। शी जिनपिंग और अन्य कम्युनिस्ट नेताओं के भाषणों का प्रशासन ने शब्दशः पालन किया गया।

लीक हुए कुछ ताज़ा गुप्त दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के साथ हो रही क्रूरता के पीछे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का प्रत्यक्ष हाथ है। उनके अलावा ‘चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP)’ के कुछ अन्य नेताओं का हाथ भी इसमें सामने आया है। इस दस्तावेज में शी जिनपिंग के अलावा प्रीमियर ली केकिआंग के कुछ भाषण हैं, जिनके कारण शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के लिए अलग शैक्षिक कैंप स्थापित करने से लेकर जबरन नसबंदी और मजदूरों के रूप में उनके इस्तेमाल के फैसले हुए।

पश्चिमी दुनिया की सरकारें अक्सर कहती हैं कि चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों का नरसंहार हो रहा है, लेकिन ये पहली बार है जब वहाँ के राष्रपति शी जिनपिंग के इसमें प्रत्यक्ष हाथ होने की बात सामने आई है। कम्युनिस्ट सरकार का एक अत्यधिक गुप्त दस्तावेज भी लीक हुआ है। 317 पन्नों के इस दस्तावेज को यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन में चल रहे ‘उइगर ट्रिब्यूनल’ को सौंपा गया है। इसके बाद इसे जर्मन विशेषज्ञ एड्रिअन ज़ेंज़ को अध्ययन व विश्लेषण के लिए सौंपा गया।

शनिवार (27 नवंबर, 2021) को इन कागजातों के अंग्रेजी अनुवाद के अलावा इसमें लिखे कंटेंट्स के बारे में बताया गया। इससे पता चला है कि 2013-14 में चीन में हुए आतंकी हमलों के आरोप उइगर मुस्लिमों पर लगाए गए, जिसके बाद मुस्लिमों पर अत्याचार का निर्णय लिया गया। शी जिनपिंग और अन्य कम्युनिस्ट नेताओं के भाषणों का प्रशासन ने शब्दशः पालन किया गया। 2014 हमले के बाद उन्होंने कहा था कि जिन्हें पकड़े जाने की जरूरत है उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और जिन्हें सज़ा मिलनी है, उन्हें मिलनी चाहिए।

शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर क्रूरता की जिम्मेदारी कम्युनिस्ट नेता चेंग कांगो को दी गई है। उन्होंने 2017 के एक भाषण में कहा था कि जिन्हें घेरने की जरूरत है, उन्हें घेरा ही जाना चाहिए। उइगर मुस्लिमों को शैक्षिक कैम्प्स में भेजे जाने जाने के फैसले को इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। एक अन्य भाषण में शी जिनपिंग ने कट्टरवाद को ज़हर बताते हुए कहा था कि बुराई को हटाने और ठीक करने के लिए सही दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 2017 में उइगर मुस्लिमों के री-एजुकेशन कैम्प्स ने इसी भाषा का इस्तेमाल किया।

साथ ही इन कम्युनिस्ट नेताओं ने जनसंख्या को नियंत्रण एवं अनुपात में रखने की बातें की थीं, जिसका परिणाम जबरन नसबंदी के कार्यक्रमों के रूप में हुआ। जुलाई 2020 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा कहा था और याद दिलाया था कि शिनजियांग में हैन चायनीज जनसंख्या काफी कम है। शिनजियांग के हेल्थ कमीशन ने इसे इस्तेमाल किया। साथ ही उइगर मुस्लिमों को मजदूर बना कर कहीं और भेजने से लेकर उनके बच्चों को हैन चायनीज स्कूलों में शिक्षा देने तक के फैसलों पर उनकी छाप है।

उइगर मुस्लिमों को चायनीज जनसंख्या से मिलने को मजबूर किया गया और इसके लिए जबरन कई शादी-विवाह कराए गए। इतना ही नहीं, इसके साथ-साथ उइगर मुस्लिमों के बच्चों को उनकी मातृभूमि से दूर अन्य स्कूलों कॉलेजों में पढ़ने के लिए भेजा गया, जहाँ उन्हें अपने परिवार और अपने पुराने पहचान को लेकर कुछ याद ही नहीं रहे। कुरान को फिर से लिखने से लेकर मुस्लिमों के नमाज पर प्रतिबंध तक, चीन ने उइगर मुस्लिमों की पहचान मिटाने के लिए सब कुछ किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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