Monday, December 23, 2024
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ईसा मसीह बनना चाह रहा था पादरी, जिंदा दफन होकर मर गया: पुनर्जीवन कांड की नकल पर एक सहयोगी ने किया सरेंडर

शहर में जियोन चर्च के पादरी सकारा ने अपनी मण्डली को आश्वस्त किया था कि वह यीशु मसीह की तरह तीन दिनों में वे फिर से जीवित हो जाएँगे। इसके बाद उन्होंने अपने फॉलोवर्स से खुद को जिंदा दफनाने के लिए कहा।

जाम्बिया में एक पादरी की यीशु के पुनर्जीवन (Resurrection) को रीक्रिएट करने की कोशिशों के बुरी तरह विफल होने के बाद दुखद मौत हो गई। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, 22 वर्षीय पादरी जेम्स सकारा चाडीज़ा के जाम्बियन शहर में तीन दिनों तक जमीन के अंदर दफन रहकर “यीशु के पुनर्जीवन” को रीक्रिएट करने की कोशिश कर रहे थे और इस दौरान उनकी मौत हो गई।

शहर में जियोन चर्च के पादरी सकारा ने अपनी मण्डली को आश्वस्त किया था कि वह यीशु मसीह की तरह तीन दिनों में वे फिर से जीवित हो जाएँगे। इसके बाद उन्होंने अपने फॉलोवर्स से खुद को जिंदा दफनाने के लिए कहा। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पादरी सकारा ने चर्च के तीन सदस्यों को कब्र खोदने के लिए तैयार किया।

पादरी द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हुए तीन सहायकों ने उसके हाथ बाँध दिए और उन्हें जिंदा दफना दिया। तीन दिन बाद उनके सहायक और अनुयायी पादरी को बाहर निकालने के लिए आए। उन लोगों ने पादरी के बेजान शरीर को बाहर निकाला और आध्यात्मिक अनुष्ठान करने का प्रयास किया।

हालाँकि, अनुयायियों द्वारा पुनर्जीवित करने के कई प्रयासों के बावजूद पादरी सकारा का शरीर बेजान रहा, वे जिंदा नहीं हुए। रिपोर्ट के मुताबिक, पादरी की पत्नी गर्भवती है। पादरी की मृत्यु के बाद इस काम में पादरी की सहायता करने के कारण तीन सदस्यों में से एक ने खुद को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

गौरतलब है कि पिछले दिनों तमिलनाडु में पुनर्जीवन के अंधविश्वास में ईसाई पादरी और सिस्टर गिरफ्तार किया गया था। यहाँ पर 20 दिन से महिला कॉन्स्टेबल इंद्रा का शव पड़ा हुआ था। मृतक महिला डिंडीगुल के ऑल वीमेन पुलिस स्टेशन में पुलिस कॉन्स्टेबल थी। 

वह स्वास्थ्य कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था और वर्तमान में लंबी छुट्टी पर थी। जब पुलिस आदेश को उसके घर पहुँचाने गई तो उसे घर के भीतर दुर्गंध महसूस हुई। पुलिस ने जब वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर जाँच किया तो उन्हें इंद्रा का सड़ता हुआ शव मिला। उसका शरीर एक कपड़े से ढका हुआ था।

वहीं इस घटना के बाद उसकी बहन और बेटियों ने एक चौंकाने वाला बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इंद्रा सो रही है और वह जल्द ही जाग जाएगी। उसके परिवार ने कथित तौर पर पादरी के कहने पर उसकी लाश को इस विश्वास के साथ घर में रखा था कि वह जादुई रूप से फिर से ‘पुनर्जीवित’ हो जाएगी। पुलिस ने मामले में पादरी सुदर्शनम और महिला की बहन वासुकी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) धारा 176, 304 ए, 406 और 420 के तहत मामला दर्ज किया था। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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