इसरो ने आज सुबह 9:30 बजे PSLV C-45 रॉकेट से अन्य देशों के 28 सैटेलाइट सहित EMISAT को भी लॉन्च किया। यह भारत का इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) सैटेलाइट क्या होता है?
गुप्तचरी या ख़ुफ़िया तरीकों से सूचना जुटाना मानव इतिहास के सबसे पुराने पेशे में से एक माना जाता है। आधुनिक शब्दावली में इसे ‘Intelligence gathering’ कहा जाता है। जब व्यक्तियों के बीच जाकर सीधा सम्पर्क कर सूचना एकत्रित की जाती है तब उसे ह्यूमन इंटेलिजेंस या HUMINT कहते हैं। लेकिन जब मनुष्यों से सीधा सम्पर्क न कर के उनके द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे डिवाइस के सिग्नल को पकड़ कर सूचना जुटाई जाती है तब उसे SIGINT कहा जाता है।
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— ISRO (@isro) April 1, 2019
All set for today’s launch!
In an hour (9:27 am IST), #PSLVC45 will lift off from the Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota carrying #EMISAT and 28 customer satellites on board.
Our updates will continue. pic.twitter.com/4caRxmvRjY
SIGINT दो प्रकार का होता है- एक जिसमें संचार या कम्युनिकेशन हो रहा हो, और दूसरा जिसमें कम्युनिकेशन न हो रहा हो। जब दो व्यक्ति बात कर रहे हों और उनकी बातचीत को सुना जाए तो उसे COMINT कहते हैं। लेकिन जब सिग्नल ऐसा हो जिसमें प्रत्यक्ष रूप से कोई कम्युनिकेशन न हो रहा हो जैसे कि रडार के सिग्नल, तब उसे इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस या ELINT कहते हैं। EMISAT भी शत्रु के रडार के सिग्नल को पकड़ने में सक्षम सैटेलाइट है। डीआरडीओ की 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार ‘प्रोजेक्ट कौटिल्य’ के अंतर्गत इस सैटेलाइट का निर्माण किया गया। ‘कौटिल्य’ के अर्थशास्त्र में भी गुप्तचरी की भूमिका को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है।
एमीसैट के अलावा PSLV C-45 लॉन्च वेहिकल द्वारा अमेरिका के 24, स्पेन का एक, लिथुआनिआ के दो और एक स्विट्ज़रलैंड का सैटेलाइट भी कक्षा में स्थापित किया गया। यह इसरो का 47वां मिशन था जिसे समय पर और सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। इसरो ने इस मिशन को देखने के लिए आम जनता के लिए भी अपने द्वार खोल दिए। लॉन्च के पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अपनाई गई जिसके कारण सामान्य नागरिकों ने भी यह लॉन्च प्रत्यक्ष देखा।