Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजEMISAT: शत्रु के रडार को पकड़ने में सक्षम भारत का इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट

EMISAT: शत्रु के रडार को पकड़ने में सक्षम भारत का इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट

EMISAT भी शत्रु के रडार के सिग्नल को पकड़ने में सक्षम सैटेलाइट है। डीआरडीओ की 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार ‘प्रोजेक्ट कौटिल्य’ के अंतर्गत इस सैटेलाइट का निर्माण किया गया।

इसरो ने आज सुबह 9:30 बजे PSLV C-45 रॉकेट से अन्य देशों के 28 सैटेलाइट सहित EMISAT को भी लॉन्च किया। यह भारत का इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट है।

इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) सैटेलाइट क्या होता है?

गुप्तचरी या ख़ुफ़िया तरीकों से सूचना जुटाना मानव इतिहास के सबसे पुराने पेशे में से एक माना जाता है। आधुनिक शब्दावली में इसे ‘Intelligence gathering’ कहा जाता है। जब व्यक्तियों के बीच जाकर सीधा सम्पर्क कर सूचना एकत्रित की जाती है तब उसे ह्यूमन इंटेलिजेंस या HUMINT कहते हैं। लेकिन जब मनुष्यों से सीधा सम्पर्क न कर के उनके द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे डिवाइस के सिग्नल को पकड़ कर सूचना जुटाई जाती है तब उसे SIGINT कहा जाता है।

SIGINT दो प्रकार का होता है- एक जिसमें संचार या कम्युनिकेशन हो रहा हो, और दूसरा जिसमें कम्युनिकेशन न हो रहा हो। जब दो व्यक्ति बात कर रहे हों और उनकी बातचीत को सुना जाए तो उसे COMINT कहते हैं। लेकिन जब सिग्नल ऐसा हो जिसमें प्रत्यक्ष रूप से कोई कम्युनिकेशन न हो रहा हो जैसे कि रडार के सिग्नल, तब उसे इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस या ELINT कहते हैं। EMISAT भी शत्रु के रडार के सिग्नल को पकड़ने में सक्षम सैटेलाइट है। डीआरडीओ की 2013-14 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार ‘प्रोजेक्ट कौटिल्य’ के अंतर्गत इस सैटेलाइट का निर्माण किया गया। ‘कौटिल्य’ के अर्थशास्त्र में भी गुप्तचरी की भूमिका को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है।

एमीसैट के अलावा PSLV C-45 लॉन्च वेहिकल द्वारा अमेरिका के 24, स्पेन का एक, लिथुआनिआ के दो और एक स्विट्ज़रलैंड का सैटेलाइट भी कक्षा में स्थापित किया गया। यह इसरो का 47वां मिशन था जिसे समय पर और सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। इसरो ने इस मिशन को देखने के लिए आम जनता के लिए भी अपने द्वार खोल दिए। लॉन्च के पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अपनाई गई जिसके कारण सामान्य नागरिकों ने भी यह लॉन्च प्रत्यक्ष देखा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -