INX मीडिया घोटाले में कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के तिहाड़ जाने के बाद कपिल सिब्बल ने ट्विटर के जरिए इस मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल किया है कि अब आखिर हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा कौन करेगा।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए आज सुबह लिखा, “हमारी मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा कौन करेगा? सरकार? सीबीआई? ईडी? या आयकर अधिकारी? या अदालतें? अगर अदालतें मान लेंगी कि ईडी और सीबीआई सही बोल रही हैं तो वह दिन दूर नहीं जब भगवती से वेंकटाचलिया युग में निर्मित आजादी के स्तंभ ढह जाएँगे।”
Who will protect our fundamental freedoms ?
— Kapil Sibal (@KapilSibal) September 6, 2019
Government ?
CBI ?
ED ?
Income Tax Authorities ?
Courts ? ? ? ?
The day courts believe what ED , CBI say is gospel truth the pillars of freedom built in the Bhagwati to Venkatachaliah era will collapse .
That day is not far away
हालाँकि, उनकी इस प्रतिक्रिया के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाँ आई हैं। जिसमें यूजर्स ने उन्हें जवाब देते हुए बहुत खरी-खोटी सुनाई हैं। एक यूजर ने सिब्बल को जवाब देते हुए लिखता है कि अब भ्रष्टाचार का समय खत्म हो चुका हैं। अब जेल भ्रष्टाचारियों का इंतजार कर रही हैं।
Congress Days of corruption are over. Jail time is waiting for the corrupt. Fundamental justice
— Prakash Kumar (@prakashkumarchh) September 6, 2019
वहीं, दूसरा उनसे पलटकर सवाल करता नजर आया कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तब उन्होंने ऐसे सवाल क्यों नहीं किए? क्या तब ये उचित नहीं था?
Why the same question was not asked when your party is in power? It’s convenient then, isn’t it ?
— మణి కుమార్ నాగవరపు । Mani Kumar Nagavarapu (@MKNagavarapu) September 6, 2019
गौरतलब है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की कस्टडी में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और गुरुवार की रात ही पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री को तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। जिसके बाद सुबह कपिल सिब्बल ने अपनी ये प्रतिक्रिया दी।
यहाँ बता दें कि तिहाड़ जाने से पहले चिदंबरम ने अदालत से कहा था कि वह जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ जेल में रहना चाहते हैं, जहाँ पर एक बिस्तर दवाई की सुविधा, बाथरूम और वेस्टर्न टॉयलेट भी हो। अदालत द्वारा उनके इस निवेदन को स्वीकार कर लिया गया था और उन्हें उनके मुताबिक जेल में रहने की अनुमति दी गई थी