जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुखिया दिलबाग सिंह ने कहा है कि राज्य में हालात जब तक पूरी तरह नियंत्रित नहीं होते, तब तक किसी को विरोध-प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि केवल शब्द ही नहीं, पोस्टर भी भड़काऊ होते हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया और बेटी साफिया को हिरासत में लेने के मामले में प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने यह बात कही है।
सुरैया और साफिया सहित एक दर्जन से अधिक महिलाओं को मंगलवार को (अक्टूबर 15, 2019) श्रीनगर के लाल चौक पर प्रदर्शन करने के दौरान हिरासत में लिया गया था। प्रदर्शन में शामिल महिलाएँ जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में बाँटने का विरोध कर रही थीं।
NDTV से बातचीत जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, जब तक स्थिति बेहतर नहीं होती ब तक किसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी फिर चाहें वो धरना ही क्यों ना हो। उन्होंने बताया कि वैसे घाटी में भी अब प्रतिबंध पूरी तरह हटा दिए गए हैं। आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने से पहले केंद्र सरकार ने एहतियातन पाबंदियॉं लगाई थी। कई नेताओं को भी हिरासत में लिया गया था।
सिंह ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन की अनुमति देने से पहले प्रशासन का ध्यान पूरी तरह शांति कायम करने पर है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं के हाथ में जो पोस्टर थे, वह बहुत अच्छे नहीं थे। निश्चित रूप से वे कानून और व्यवस्था के हित में नहीं थे। यही कारण है कि उन्हें हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि शांति के लिए प्रतिबंधों का सबको सम्मान करना चाहिए। महिला प्रदर्शनकारियों को भी इसकी अनुमति के लिए डिप्टी कमिश्नर के पास जाने की सलाह दी गई थी।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की शह पर आतंकी राज्य में खून-खराबे की लगातार कोशिश कर रहे हैं। हालॉंकि छिटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण वे अपने मंसूबे में अब तक नाकामयाब रहे हैं।दो दिन पहले ही आतंकियों ने शोपियां में पंजाब के अबोहर ज़िले के दो सेब व्यापारियों को गोली मार दी थी। कश्मीर से जो सेब जम्मू की मंडियों में पहुँच रहे थे, राज्य का माहौल खराब करने के प्रयासों में उन पर इस्लामी आतंकी ज़ाकिर मूसा, बुरहान वानी जैसे जिहादियों से लेकर पाकिस्तान और उसके तालिबान-समर्थक प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थन के नारे लिखे मिले थे। सेबों पर ‘Go back India-Go back India’ जैसे हिंदुस्तान-विरोधी नारे भी लिखे हुए थे।