एक तरफ जहाँ श्रीनगर में भारतीय सुरक्षाबल हेल्पलाइन नंबर देकर कोशिश कर रही है कि कश्मीर के लोगों को किसी भी तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े, वहीं कुछ कश्मीरी स्वयं ही अपनी ओछी हरकतों के कारण लोगों का गुस्सा अपनी तरफ आकर्षित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं।
ख़बर है कि देहरादून में पढ़ रही कई कश्मीरी छात्राओं ने हॉस्टल की छत से कैंडल मार्च में नारेबाजी करते हुए जाते लोगों पर न केवल पत्थर उछाले बल्क़ि पाकिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए। इसके बाद कश्मीरी छात्राओं की इस हरक़त से गुस्साए वहाँ के स्थानीय लोगों ने हॉस्टल को घेर लिया। ये घटना मांडूवाला रोड पर एक निजी संस्थान के पास बने हॉस्टल की है, जिसमें 24 कश्मीरी छात्राएँ रहती हैं।
मामले में बढ़ती तनातनी को देखकर पाँच थानों की पुलिस को वहाँ मौक़े पर बुलाया गया। पुलिस की मौजूदगी में इन छात्राओं द्वारा भारत जिंदाबाद के नारे लगाने के बाद माहौल शांत हुआ और भीड़ वहाँ से हटी। घटनास्थल पर विधायक सहदेव पुंडीर भी पहुँचे।
घटना के विरोध में कार्रवाई की माँग को लेकर लोगों ने सुद्दोवाला सड़क पर जाम लगा दिया था। साथ ही मोमबत्तियाँ जलाकर बलिदान हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई। पुलिस ने बाद में किसी तरह से लोगों को शांत कराते हुए जाम खुलवाया।
इसके अलावा आतंकी हमले के बाद प्रेमनगर क्षेत्र में भी कुछ कश्मीरी छात्रों की ऐसे पोस्ट सामने आए, जिसमें जवानों पर हुए हमले का समर्थन किया गया था। यह तीनों ही छात्र प्रेमनगर थाना क्षेत्रों के अलग-अलग संस्थानों से हैं। इन तीनों ही छात्रों को इनके संस्थानों से निकाल दिया गया है।
दून में रहते हुए देश विरोधी प्रतिक्रियाओं पर पुलिस ने मुकदमों को दर्ज करना शुरू कर दिया है। ऐसे छात्रों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 505(2) के तहत मुकदमों को दर्ज किया जा रहा है। इस धारा में दोष सिद्ध होने के तहच पूरे पाँच साल की सज़ा होने का प्रावधान है।