Monday, December 23, 2024
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जनता को भड़काना केजरीवाल को पड़ा महँगा, लोगों ने कहा ‘सदी के सबसे बड़े ठग, मक्कार, फ्रॉड, 420, फर्जीवाल’

बच्चों की कसम खाने वाले केजरीवाल 45 साल की उम्र में कहते थे कि मुख्यमंत्री बनने के लिए कभी कॉन्ग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन वही केजरीवाल 51 की उम्र तक पहुँचते हुए कॉन्ग्रेस से गठबंधन के लिए लालायित दिखाई पड़ते हैं।

कई बार बड़े पद पर पहुँचने के बाद सोशल मीडिया पर बे-बुनियाद कुछ भी लिख देना बहुत महँगा पड़ सकता है। अगर यकीन न हो, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के हालिया ट्वीट का ही उदाहरण ले लीजिए। इस ट्वीट में केजरीवाल ने अपनी पैठ बनाने के लिए और मोदी सरकार की साख मिट्टी में मिलाने के लिए एक ट्वीट किया।

इस ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा, “29 साल का एक लड़का मिला। 24 साल की उम्र में उसने मोदी जी को वोट दिया था क्योंकि मोदी जी ने कहा था नौकरी देंगे। अभी तक बेरोज़गार है। ना नौकरी लगी, ना शादी हो रही। एक बार और मोदी जी को वोट दे दिया तो अगली बार तक 34 का हो जाएगा। तब तक बहुत देर हो जाएगी। इस बार दोबारा ग़लती मत करना।”

केजरीवाल ने इस ट्वीट को करने से पहले शायद अंदाजा भी नहीं लगाया होगा कि इसके बदले उन्हें ट्विटर पर जनता की ओर से किस तरह की प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा। बेरोज़गारी का हवाला देते हुए जो केजरीवाल ने एक आभासी लड़के की कहानी बताई, जिसका न कोई नाम था और न ही कोई पता। उसके बारे में पढ़कर कई लोगों ने उस लड़के के लिए उसी ट्वीट पर नौकरी का प्रस्ताव रख डाला। किसी ने केजरीवाल से उस लड़के की जानकारी माँगी तो किसी ने उस लड़के का नंबर पूछा।

गजब तो तब हुआ जब केजरीवाल, लड़के की बेरोज़गारी पर जनता को अटकाने का प्रयास करते रह गए और दिलीप कुमार नाम के शख्स ने उन्हें बताया कि उनकी पत्नी ने मोदी सरकार की स्टार्ट-अप इंडिया के तहत कंपनी शुरू की थी जिसमें अब तक 8 लोगों को नौकरी दी जा चुकी है। उन्होंने अपनी पत्नी की कंपनी में उस बेरोजगार लड़के को नौकरी देने की इच्छा रखी। और अंत में यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर वह अपनी पत्नी की कंपनी में उस लड़के को रख सकते हैं, लेकिन उसके लिए केजरीवाल के पास कोई बेरोज़गार भी तो होना चाहिए?

केजरीवाल के इस ट्वीट पर एक लड़की का भी ट्वीट आया, जिसमें लड़की ने उनकी बात पर काउंटर करते हुए बताया कि वो 18 साल की थी जब मोदी सरकार को वोट दिया था। उसके बाद उसे कॉलेज में स्कॉलरशिप भी मिल गई और नौकरी भी लग गई। साथ ही उस लड़की के साथ स्कूल में पढ़ने वाले सभी लोगों की नौकरियाँ लग गई या कोई अपना व्यवसाय कर रहा है, सिर्फ़ उन्हें छोड़ कर जो कुछ नहीं करना चाहते। लड़की ने यह सब लिखने के बाद कहा कि, सोच लो किसे वोट दूँगी!

चुनाव जीतने के लिए जो हथकंडा केजरीवाल ने आजमाया वो इस बार उन पर ही महंगा पड़ गया, लोग मोदी के ख़िलाफ़ जाने की जगह उनकी ही चुटकी लेने लगे। एक शख्स ने तो केजरीवाल के लिए जनता की राय का वीडियो बनाकर ही पोस्ट कर दिया। इस ट्वीट में उन्हें सदी का सबसे बड़ा ठग, मक्कार, धोखे़बाज, फ्रॉड 420 तक कह दिया गया।

केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद पर बैठकर ऐसी ओछी राजनीति करना, बेहद हास्यास्पद है। प्रधानमंत्री के किए वादों का स्मरण जिन केजरीवाल को है, वो हर बार अपनी ही बात से मुकरने के लिए विख्यात पहचान बना चुके हैं। जिसकी वजह से वो जनता की ऐसी प्रतिक्रियाओं का आधार बनते हैं। बच्चों की कसम खाने वाले केजरीवाल 45 साल की उम्र में कहते थे कि मुख्यमंत्री बनने के लिए कभी कॉन्ग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन वही केजरीवाल 51 की उम्र तक पहुँचते हुए कॉन्ग्रेस से गठबंधन के लिए लालायित दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में कौन समझाए कि सवाल उठाने के लिए जनता को तथ्य केजरीवाल ने ही उपलब्ध कराए हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए जरूरी है कि वह अब 5 साल पूरे होने से पहले अपने पद की गरिमा को समझ लें, और अगले चुनाव होने तक ऐसे गलीच किस्म की राजनीति से खुद को दूर करें, क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल में ‘क्या-क्या’ किया है, वो जनता अच्छे से जान और समझ चुकी है। अब बहका पाना मुश्किल है, इसमें किसी प्रकार का आंतरिक सर्वेक्षण मदद नहीं कर पाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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