उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने निर्णय लिया है कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा के में सब शराब की बिक्री नहीं होगी। तथाकथित पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी यूपी सरकार के इस फैसले से भड़क गईं। उन्होंने इसे ‘बहुसंख्यकों द्वारा अत्याचार’ करार देते हुए कहा कि अब बहुसंख्यक निर्णय ले रहे हैं कि अल्पसंख्यक क्या खाएँगे, क्या पहनेंगे और कैसे अपना जीवन व्यतीत करेंगे। वहीं लक्षद्वीप पर उनकी राय वहाँ के बहुसंख्यकों के पक्ष में थी।
बता दें कि अब मथुरा के सातों शहरों वृन्दावन, गोवर्धन, नन्दगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में मांस व शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने की माँग कई वर्षों से की जा रही थी। सोमवार (30 अगस्त, 2021) को जन्माष्टमी के मौके पर यहाँ पहुँचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता की इस माँग पर ये ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने ब्रज भूमि के विकास और इसे नए कलेवर देने पर भी चर्चा की।
The tyranny of the majority!
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) August 31, 2021
The majority decides what the minorities will eat, wear and how they will live their lives.
This cruelty and oppression have become the order of the day.
UP CM Yogi Adityanath Bans Meat, Alcohol Sales in Mathura https://t.co/DRcmp7kSrw
सीएम योगी ने इस दौरान कहा था, “चार वर्ष पूर्व 2017 में यहाँ की जनता की माँग पर मथुरा और वृन्दावन नगर पालिकाओं को मिलाकर नगर निगम का गठन किया गया था। फिर यहाँ के सात पवित्र स्थलों को राजकीय रूप से तीर्थस्थल घोषित किया। अब जनता की कामना है कि इन पवित्र स्थलों पर शराब और मांस की बिक्री न की जाए, तो मैं आश्वस्त करता हूँ कि ऐसा ही होगा। जो लोग इन कार्यों से जुड़े हैं, उन्हें अन्य कार्यों का प्रशिक्षण देकर उनका पुनर्वास किया जाएगा।”
उन्होंने जिला प्रशासन को इस सम्बन्ध में कदम उठाने के निर्देश दिए। इस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ श्रद्धालुओं की बात मान ली, बल्कि मांस व शराब विक्रेताओं व इन कारोबारों से जुड़े लोगों के प्रशिक्षण से लेकर अन्य क्षेत्रों में व्यवस्थित पुनर्वास की भी घोषणा की। उनके लिए दुग्धपालन के छोटे-छोटे स्टॉल की व्यवस्था करने की घोषणा की गई। साथ ही उनकी व्यवस्थित तरीके से काउंसिलिंग भी होगी।
लेकिन, आरफा खानुम शेरवानी जैसे ‘पत्रकारों’ को ये नहीं पचा। मथुरा में बहुसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार का आरोप लगा रहीं अरफ़ा खानुम शेरवानी लक्षद्वीप के बहुसंख्यक मुस्लिमों की भी ठेकेदार बनती रही हैं। उन्होंने लक्षद्वीप के ‘बहुसंख्यक’ मुस्लिमों पर अत्याचार की बात करते हुए उसके ‘भगवाकरण’ का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि लक्षद्वीप को नष्ट किया जा रहा है।
Why did Lakshadweep do its first united protest in history ?
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) June 12, 2021
Has the agenda from the 'House of Saffron' reached the 'paradise'? https://t.co/7YqYJ9le5Y
Hear these important voices from the island and what former administrator Wajahat Habibullah has to say on the issue.
बता दें कि अब तक लक्षद्वीप में एक तरह से शरीयत का कानून चलता आ रहा था, जिस कारण भारत के सबसे सुंदर स्थलों में से एक होने के बावजूद इसका एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकास नहीं हो पाया। लक्षद्वीप में 98% जनसंख्या मुस्लिमों की है। लक्षद्वीप के प्रशासन ने क्षेत्र के विकास व पर्यटन के लिए कुछ कानूनों को मंजूरी दी है, जिसके कारण भारतीय द्वीप समूह के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ विपक्षी नेता और लक्षद्वीप के स्थानीय मुस्लिम कट्टरपंथी लामबंद हैं।
वहीं अफगानिस्तान में तालिबान की क्रूरता पर भी आरफा खानुम शेरवानी दक्षिणपंथियों को कोसने से बाज नहीं आ रहीं। उन्होंने हाल ही में लिखा था, “दक्षिणपंथी भारतीय मुसलमानों को ट्रोल कर रहे हैं क्योंकि तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है। सबसे बड़ी मानव त्रासदी भी इनके लिए केवल अवसर है। शर्म आनी चाहिए तुम्हें संघियों!” आरफा खानुम शेरवानी के लिए मुद्दा ये है कि ‘संघी’ भारतीय मुसलमानों से सवाल कर रहे हैं।