रिपब्लिक टीवी की सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर और अर्णब गोस्वामी की पत्नी सम्यब्रता रे गोस्वामी ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में उनका कहना है कि अगर उनके पति को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसके लिए पूरी सरकार और पूरा राष्ट्रीय तंत्र ज़िम्मेदार होगा। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अर्णब गोस्वामी को तलोजा जेल भेजे जाने के बाद यह बयान जारी किया गया। अर्णब गोस्वामी ने खुद आरोप लगाया है कि जब उन्होंने अपने वकील से संपर्क करने की बात कही तब जेलर उनके साथ हिंसा पर उतर आए और उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया।
#IndiaWithArnab | Senior Executive Editor Samyabrata Ray Goswami’s statement: With Arnab publicly disclosing threat to his life & atrocities faced in custody, law & order officers, the state & national machinery will be held responsible if any harm is inflicted upon my husband pic.twitter.com/OltU13IzOT
— Republic (@republic) November 8, 2020
अर्णब गोस्वामी की पत्नी ने अपने बयान में कहा, “प्रदेश का पूरा प्रशासनिक तंत्र राजनीतिक गुस्से से प्रेरित नौकर में तब्दील हो गया है और लोकतंत्र के स्तंभ इस तरह के अत्याचार पर तमाशबीन नहीं बने रह सकते हैं। राज्य सरकार ने पूरे तंत्र का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र के एक आम नागरिक के मानवाधिकारों का हनन और उस पर अत्याचार किया है।”
इसके बाद उन्होंने अपने बयान में कहा कि अर्णब ने सार्वजनिक रूप से यह बात बताई है कि उनके जीवन पर ख़तरा है और हिरासत में उन्हें किस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है। फिर उन्होंने कहा, “अगर मेरे पति को कुछ भी होता है तो पूरा सरकारी तंत्र और राष्ट्रीय तंत्र उसके लिए ज़िम्मेदार होगा।”
सम्यब्रता रे गोस्वामी का पूरा बयान
आज सुबह मेरे पति और एडिटर इन चीफ जो कि न्यायिक हिरासत में पूरे 4 दिन बिता चुके हैं, महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें तलोजा जेल ले जाते समय पुलिस वैन में बुरी तरह घसीटा और पीटा। वह लगातार यह बात कह रहे थे कि उनकी जान को ख़तरा है। जब उन्होंने जेलर से कहा कि उन्हें अपने वकील से संपर्क करने दिया जाए फिर जेलर ने उनके साथ हिंसा की। अर्नब ने कहा कि हिरासत के दौरान उन पर अत्याचार हुआ जिसके बाद उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से जमानत के मामले में दखल देने की गुहार लगाई।
एक निर्दोष व्यक्ति, जिसकी दशकों की छवि है, एक ऐसा पत्रकार जो देश की सेवा में जुटा हुआ था, उसे घसीटा गया, उसके साथ हिंसा हुई और उस पर झूठे आरोप लगाए गए। उन्हें बिना किसी दंड विधान के जेल में बंद किया गया है। प्रदेश का पूरा प्रशासनिक तंत्र राजनीतिक गुस्से से प्रेरित नौकर में तब्दील हो गया है और लोकतंत्र के स्तंभ इस तरह के अत्याचार पर तमाशबीन नहीं बने रह सकते हैं। राज्य सरकार ने पूरे तंत्र का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र के एक आम नागरिक मानवाधिकारों का हनन और उस पर अत्याचार किया है।
महाराष्ट्र में संस्था नियम और क़ानून की रक्षा करने के लिए मौजूद हैं लेकिन यहाँ नियमों की अनदेखी हो रही है और वर्दीधारी ही प्रताड़ित करने वाले बन गए हैं। मूलभूत अधिकार कुचले जा रहे हैं, इस पूरी प्रक्रिया में सिवाय अत्याचार और अव्यवस्था के कुछ और नज़र नहीं आता है। ऐसा पहली बार हुआ है जब संस्थागत अखंडता इस कदर ख़तरे में पड़ी है। मेरे पति और देश के प्रख्यात समाचार समूह के एडिटर इन चीफ के साथ अत्याचार हुआ है, उनके शारीरिक हानि पहुँचाई गई है, गैरकानूनी तरीके से उनकी गिरफ्तारी हुई है और इस तरह का सार्वजनिक अत्याचार होने के बावजूद किसी भी तरह का दखल नहीं दिया गया है।
जिस तरह से अर्णब ने यह बात कही है कि उनकी जान को ख़तरा है, अगर ऐसे में उन्हें कुछ होता है तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ कानून व्यवस्था, अधिकारी राष्ट्रीय तंत्र और पूरी सरकार ज़िम्मेदार होगी। मेरा देश की उन संस्थाओं से अनुरोध है जो अभी भी सच के लिए खड़े होते हैं कि वह आगे आएँ और एक पत्रकार पर हो रहे सत्ता के दुरूपयोग को रोकने में, मदद करें। आज लोकतंत्र के लिए एक मिसाल तय की जा रही है, मैं देश की ईमानदार संस्थाओं को लेकर अभी भी आशावादी हूँ कि वह एक नागरिक और पत्रकार के साथ हो रहे इस अत्याचार पर अंधे या शांत होकर नहीं बैठेंगे।
स्टिंग में हुआ अर्णब के लिए बनाई गई डरावनी योजना का खुलासा
एक स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हुआ था कि एनसीपी के नवाब मलिक ने कैमरे पर यह बात स्वीकार की थी टीआरपी स्कैम में फँसने के बाद अर्नब गोस्वामी आत्महत्या कर लेंगे। इसके बाद नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि हो सकता है अर्णब गोस्वामी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया हो। नवाब मलिक ने कहा था, “उसने जिस तरह का रास्ता अपनाया है उससे वह खुद पर थोपी गई हकीकत में बैठा है। उसे ऐसा लगता है कि यह ऐसे काम करता है, जब उसे इस बात का अंदाजा होगा कि इसमें कुछ नहीं है और सब कुछ नकली है तब क्या वह कुछ कर पाएगा? उसे ऐसा लगता है कि पूरा तंत्र उसकी पसंद पर चलता है, वह कुछ कर सकता है लेकिन जब उसे यह पता चलेगा कि ऐसे नहीं होता है तब वह एक अलग दुनिया में चला जाता है।”
भाजपा ने किया समर्थन
भारतीय जनता पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं अमित शाह, स्मृति ईरानी और योगी आदित्यनाथ ने अर्णब की गिरफ्तारी का विरोध किया था। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अपने ट्वीट में कहा कि उन्होंने तलोजा जेल के जेलर से बात की है और अर्णब से उचित बर्ताव करने की बात भी कही है।
I met Jailer Kurlekar at Taloja Jail, insisted proper care and protection of #ArnabGoswami . Jailer assured me, No Harrasment will take place in Jail. Required Medical treatment will also be provided @BJP4India @Dev_Fadnavis @BJP4Maharashtra pic.twitter.com/P2RIpngwPa
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) November 8, 2020
इसके कुछ समय बाद किरीट सोमैया तलोजा जेल के जेलर से निजी तौर पर मिलने के लिए गए थे। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने जेलर से अनुरोध किया कि अर्णब के साथ सही बर्ताव किया जाए। उन्होंने बताया कि जेलर ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अर्णब के साथ किसी भी तरह का अत्याचार नहीं किया जाएगा। कौस्तुभ कुर्लेकर ने किरीट सोमैया को इस बात का आश्वासन दिया कि अर्णब को उचित स्वास्थ्य देखरेख भी प्रदान की जाएगी।