Monday, November 18, 2024
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डील से अनजान होने के NDTV के दावों की अडानी ने खोली पोल, बताया- प्रणय और राधिका रॉय पर SEBI की रोक नहीं आता सौदे के आड़े

अडानी समूह ने RRPR द्वारा दिए गए तर्कों को आधारहीन, कानूनी रूप से महत्वहीन और सच्चाई से दूर बताया। कंपनी ने कहा कि RRPR अपने दायित्वों को पूरा करने और वारंट एक्टरसाइज नोटिस में बताए गए इक्विटी शेयरों को उसे आवंटित करने के लिए बाध्य है।

NDTV ने बीते दिनों अडानी समूह के ऊपर आरोप लगाया था कि उसने RRPR के मालिक प्रणय रॉय और राधिका रॉय से पूछे बिना एनडीटीवी के शेयर्स को खरीदा है। अब इस मामले पर अडानी समूह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और NDTV के आरोपों को आधारहीन बताया है।

अडानी समूह ने 26 अगस्त को अपने बयान में कहा, “वीसीपीएल को दिनांक 23 अगस्त 2022 को RRPR की तरफ से वारंट एक्सरसाज नोटिस का जबाव मिला था, जिसमें 19,90,000 वारंट को 19,90,000 एक्विटी शेयर में बदलने की बात थी। NDTV द्वारा 24 अगस्त 2022 के अपने डिस्क्लोजर में भी इसका जिक्र किया गया था।”

बता दें कि VCPL (विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड) अडानी ग्रुप की अप्रत्यक्ष सहायक कंपनी है। वहीं, NDTV की प्रमोटर कंपनी RRPR होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी है, जिसके मालिक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय हैं। NDTV में RRPR की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसको खरीदने को लेकर यह पूरा मामला उठा है।

RRPR ने दावा किया था कि वारंट को इक्विटी शेयर में बदलने के लिए SEBI से लिखित मंजूरी की आवश्यकता थी। हालाँकि, अडानी की सहायक कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) ने ने RRPR के इस दावे को खारिज कर दिया।

वीसीपीएल का कहना है कि RRPR बाजार नियामक संस्था SEBI के आदेश का पक्षकार नहीं है। इसलिए SEBI के प्रतिबंध उस पर लागू नहीं होते। बता दें कि SEBI ने प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर प्रतिभूतियों (Securities) में किसी भी तरह के लेन-देन के लिए प्रतिबंध लगा रखा है।

कंपनी ने कहा, “VCPL ने वारंट एक्सरसाइज नोटिस एक अनुबंध (Contract) के तहत जारी किया है, जो RRPR के लिए बाध्यकारी है। इसलिए RRPR अपने अनुबंध में लिखी गई बातों का पालन करने के लिए बाध्य है।”

VCPL का यहाँ स्पष्ट कहना है कि वारंट एक्सरसाइज से प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर लगाए SEBI के प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं हुआ। इसलिए नियामक निकाय (SEBI) से किसी पूर्व लिखित अनुमोदन की आवश्यकता भी नहीं थी।

कंपनी ने आगे कहा, “23 अगस्त 2022 को वारंट एक्सरसाइज पर RRPR के 19,90,000 इक्विटी शेयर के लिए 1.99 करोड़ रुपए देय था, जो VCPL द्वारा भुगतान किया गया और RRPR को मिला। RRPR द्वारा ली गई राशि या ऑरिजिनल वारंट सर्टिफिकेट को वापस करने का कोई भी प्रयास VCPL के वारंट एक्सरसाइज, जो कि पूरा हो चुका है, पर कोई भी कानूनी प्रभाव नहीं डाल सकता।”

अडानी समूह ने RRPR द्वारा दिए गए तर्कों को आधारहीन, कानूनी रूप से महत्वहीन और सच्चाई से दूर बताया। कंपनी ने कहा कि RRPR अपने दायित्वों को पूरा करने और वारंट एक्टरसाइज नोटिस में बताए गए इक्विटी शेयरों को उसे आवंटित करने के लिए बाध्य है।

अडानी समूह ने खरीदा NDTV

बता दें कि हाल में खबर आई थी एएमजी मीडिया नेटवर्क लिमिटेड (AMNL) ने NDTV में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18% शेयर्स खरीदे हैं। ये सौदा ‘विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL)’ और ‘RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड’ के जरिए हुआ। जहाँ VCPL पूरी तरह से AMNL की 100% सब्सिडियरी कंपनी है, वहीं RRPR एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी है।

अडानी समूह पर NDTV ने लगाया इल्जाम

अडानी समूह द्वारा हिस्सेदारी खरीदने की खबर आने के बाद सोशल मीडिया पर हल्ला मच गया कि अब तक अडानी ग्रुप की आलोचना करने वाला एनडटीवी उसके अधीन काम करेगा। इन सभी पोस्ट के बीच एनडीटीवी न्यूज चैनल ने दावा किया प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर सिक्‍योरिटीज की प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष खरीद-फरोख्‍त पर SEBI ने 26 नवंबर 2022 तक के लिए प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसलिए, कंपनी के अधिग्रहण के लिए SEBI की मंजूरी की जरूरत होगी।

इसके अलावा एनडीटीवी की सीईओ सुपर्णा सिंह का भी इस संबंध में बयान आया था। उन्होंने अपने दर्शकों का भरोसा एनडीटीवी की पत्रकारिता पर बनाए रखने के लिए कहा था। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि ये पूरी डील प्रणय रॉय और राधिका रॉय की सहमति के बिना हुई है।

उन्होंने दावा किया था कि 32% हिस्सेदारी के साथ पति-पत्नी NDTV में सबसे बड़े शेयरधारक बने रहेंगे। उन्होंने यहाँ तक कहा कि प्रणय रॉय और राधिका रॉय को इस डील की जानकारी ही नहीं थी। कर्मचारियों को भेजे गए इंटरनल सन्देश में CEO ने आगे रेगुलेटरी और कानूनी कदम उठाने की बात भी कही थी।

एनडीवी को पता था पैसे कहाँ से आ रहे हैं

उल्लेखनीय है कि विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 2008 में अस्तित्व में आई थी। 2009 में इसने NDTV की होल्डिंग कंपनी RRPRH को 403.85 करोड़ रुपए का लोन दिया। इसके बदले RRPR ने VCPL को वारंट जारी किए थे, जो VCPL को RRPR में 99.9 फीसदी इक्विटी शेयर में वारंट को तब्‍दील करने का अधिकार देते थे।

उसी साल VCPL को शिनानो रिटेल प्राइवेट लिमिटेड से असुरक्षित लोन मिला था। शिनानो रिटेल पूरी तरह रिलायंस ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी थी। अब चूँकि इन सब डील्स के दस्तावेज सार्वजनिक हैं, इसलिए एनडीटीवी जानता था कि उसे एक ऐसे समूह से पैसे आ रहा है, जिसका संबंध रिलायंस समूह से है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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