प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार ने दूरदर्शन पर रामायण का फिर से प्रसारण किए जाने पर विरोध जताया है। बीएचयू के प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने उनके इस प्रोपेगेंडा का उन्हीं की भाषा में मुँहतोड़ जवाब दिया है। चूँकि रवीश कुमार ने भी भोजपुरी में वीडियो बना कर प्रोपेगेंडा फैलाया था, प्रोफेसर किशोर ने भी भोजपुरी में उन्हें जवाब देते हुए पूछा कि रामायण पर काहे बिनबिनाएल बानी? मतलब, आप रामायण के कारण क्यों चिढ़े हुए हैं? प्रोफेसर ने कहा कि रामायण दिखाया जा रहा है तो इस पर रवीश कुमार को मिर्ची क्यों लग रही है? उन्होंने समझाया कि भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है, क्या सभी सड़क पर ही हैं?
उन्होंने कहा कि इतना बड़ा लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है, ऐसे में सरकार को समय दिया जाना चाहिए ताकि समुचित व्यवस्था हो सके, इसमें बिलबिलाने की क्या ज़रूरत है? प्रोफेसर ने कहा कि वो जनता हैं और उन्होंने रामायण दिखाने की माँग की है। रामायण, महाभारत और चाणक्य जैसे सीरियल टीवी पर बार-बार दिखाए जाने चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जब लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में बैठे हुए हैं, ऐसे में उन्हें मनोरंजन के लिए कुछ न कुछ तो चाहिए होगा न?
उन्होंने रवीश को समझाया कि आप प्रकाश जावड़ेकर और अन्य पत्रकारों को गाली क्यों दे रहे हैं? उन्होंने कहा, “देश भर में हजारों पत्रकार हैं, क्या वो सभी आपके हिसाब से बुरे हैं? क्या एक आप ही पत्रकार बचे हैं पूरे भारत में? कुल रवीश कुमार ही पत्रकार हैं?” प्रोफेसर कौशल किशोर ने रवीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि वो थोड़ी सकारात्मक बातें भी करें। जब प्रधानमंत्री देश की जनता की परेशानी के लिए क्षमा माँग रहे हैं, ऐसे में रवीश क्या कहते हैं कि देश की सारी जनता मर जाए? उन्होंने पूछा कि रवीश आखिर बाकी सभी पत्रकारों को गालियाँ क्यों बकते रहते हैं?
प्रोफेसर ने कहा कि रवीश कुमार को इस समय देश का साथ देना चाहिए। जबकि रवीश अभी अमेरिका और जर्मनी से तुलना करने में लगे हैं। और सच्चाई यह है कि भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है और यहाँ तुलनात्मक रूप से कम क्षति हुई है। उन्होंने रवीश से कहा कि वो खूब प्रश्न पूछें लेकिन सुझाव भी दें क्योंकि सिर्फ़ सवाल पूछना ही एक पत्रकार का कार्य नहीं है बल्कि समस्या का समाधान करना भी एक पत्रकार का काम है। उन्होंने रवीश से अपील करते हुए कहा कि वो अपनी भाषा बदलें और देश का साथ दें, देश को बचाने में योगदान दें।
प्रोफेसर कौशल किशोर ने कहा कि बजाए सुझाव देने के, रवीश कुमार ऊटपटांग बातें कर रहे हैं। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस देश को बचाने में लगे हैं, तब रवीश को भी अपनी तरफ से कोशिश करनी चाहिए। ऊपर संलग्न किए गए वीडियो में आप भी देख सकते हैं कैसे प्रोफेसर कौशल किशोर ने रवीश कुमार के प्रोपेगंडा का भोजपुरी भाषा में अच्छी तरह से सभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए जवाब दिया है।