भारत में चीन से पैसा लेकर प्रोपगैंडा चलाने वाले न्यूज वेब पोर्टल न्यूजक्लिक के विरुद्ध सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR की कॉपी सामने आई है। इसमें न्यूजक्लिक पर विदेशी संस्थानों से ₹38.05 करोड़ फंड लेने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले सीबीआई ने 11 अक्टूबर 2023 को एक FIR दर्ज करके दिल्ली स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी की थी।
सामने आई FIR की कॉपी के अनुसार, सीबीआई ने यह मामला विदेशी चंदा लेने के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर दर्ज किया है। इस मामले में न्यूजक्लिक के प्रमुख प्रबीर पुरकायस्थ, PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, नेविल रॉय सिंघम और जेसन फिचर एवं अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR में कहा गया है कि मार्च 2018 से लेकर अब तक मेसर्स PPK न्यूजक्लिक स्टूडियोज ने जस्टिस एंड एजुकेशन फंड USA, द ट्राईकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इनकॉर्पोरेशन USA से, GSPAN लिमिटेड लायबल्टी कम्पनी USA और सेंट्रो पॉपुलर डेमिडास ब्राजील से कुल ₹28.46 करोड़ का विदेशी फंड प्राप्त किया।
FIR copy and allegations against #NewsClick.
— Jitender Sharma (@capt_ivane) October 12, 2023
NewsClick ने विदेश की चार संस्थानों से ₹28.46 करोड़ लिये जबकि FCRA क़ानून कहता है कि कोई भी न्यूज़ बनाने वाली कंपनी, इसमें काम करने वाले लोग, कॉलम लिखने वाले विदेशी कंपनी/संस्थानों से मदद नहीं ले सकती। https://t.co/WEQjIfEn0G pic.twitter.com/Y0wfxNUQzi
इसके अतिरिक्त, मेसर्स वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स LLC ने न्यूजक्लिक को 9.59 करोड़ रुपए विदेशी निवेश के रूप में दिए, जो कि FCRA (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) 2010 कानून का उल्लंघन है। इस प्रकार न्यूजक्लिक ने विदेशी संस्थानों से कुल ₹38.05 करोड़ की धनराशि ली।
इस फंड के एवज में न्यूजक्लिक ने सेवाएँ उपलब्ध करने का दावा किया था। हालाँकि, पूछताछ और छापे के दौरान कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला कि न्यूज़क्लिक ने इन सभी संस्थाओं को कोई सुविधाएँ उपलब्ध कराई थीं।
न्यूजक्लिक ने इस पैसे को लेकर यह भी दावा किया कि उसे यह धनराशि पीपल्स डिस्पैच नाम के एक पोर्टल पर कंटेंट अपलोड करने के लिए मिला था। हालाँकि, इस पीपल्स डिस्पैच पोर्टल का मालिकाना हक प्रबीर पुरकायस्थ और PPK न्यूजक्लिक के पास ही है।
ऐसे में न्यूजक्लिक के कर्मचारी यह बताने में असफल रहे कि एक ही कम्पनी के मालिकाना हक वाले पोर्टल पर कंटेंट डालने के लिए उन्होंने विदेशी संस्थाओं से ₹28.46 करोड़ क्यों लिए? जाँच के दौरान कहा गया कि पीपल्स डिस्पैच का मालिकाना हक तो PPK न्यूजक्लिक के पास है लेकिन उसके जस्टिस एंड एजुकेशन फंड के बीच एक हुए एक समझौते के तहत यह पैसे पोर्टल पर लेख और वीडियो प्रकाशित करने के लिए दिए गए।
सीबीआई ने अपनी जाँच में इस दावे को झूठा पाया। सीबीआई ने बताया कि समझौते में किस प्रकार का कंटेंट अपलोड होगा, इसको लेकर कोई बात नहीं की गई थी। आगे सीबीआई ने बताया जस्टिस एंड एजुकेशन फंड ऐसे किसी समझौते में शामिल नहीं हो सकती थी, जिसमें ऐसी किसी वेबसाइट पर कंटेंट अपलोड किया जाए जो कि उनके मालिकाना हक वाली ना हो।
सीबीआई ने कहा कि इस बात की संभावना है कि जस्टिस एंड एजुकेशन फंड द्वारा भेजे गए दान के पैसे को न्यूजक्लिक द्वारा सर्विस चार्ज के रूप में दिखाया गया, ताकि FCRA कानून से बचा जा सके। जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने भी बताया था कि न्यूजक्लिक को लगभग ₹38 करोड़ की विदेशी धनराशि मिली है।
सीबीआई ने अपनी जाँच में यह भी पाया कि जो धनराशि न्यूजक्लिक को जस्टिस एंड एजुकेशन फंड के माध्यम से भेजी गई थी वह दरअसल नेविल रॉय सिंघम की है। नेविल रॉय सिंघम प्रबीर पुरकायस्थ का करीबी है और चीन का प्रोपगैंडा चलाता है।
न्यूजक्लिक का मालिक प्रबीर पुरकायस्थ इस समय न्यायिक हिरासत में है। पुरकायस्थ को 3 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुरकायस्थ को गिरफ्तार करने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के दफ्तर को सील कर दिया था।