दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार (3 अक्टूबर 2023) की सुबह न्यूज क्लिक (NewsClick) से जुड़े कई कथित पत्रकारों के ठिकानों पर दबिश दी। जानकारी के मुताबिक छापेमारी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में करीब 30 ठिकानों पर हुई है। न्यूज क्लिक वही प्रोपेगेंडा पोर्टल है, जिसे चीन से करोड़ों की फंडिंग मिल चुकी है।
#UPDATE | Raids at different premises linked to NewsClick are currently underway at over 30 locations.
— ANI (@ANI) October 3, 2023
छापेमारी को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से खबर लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी पड़ने की सूचना है उनमें एक न्यूज एंकर से यूट्यूबर बना अभिसार शर्मा भी है। उसने एक्स/ट्विटर पर पोस्ट कर खुद इसकी जानकारी दी है। उसने लिखा है, “दिल्ली पुलिस मेरे घर पहुँची। मेरा लैपटॉप और फोन ले लिया।”
Delhi police landed at my home. Taking away my laptop and Phone…
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) October 3, 2023
सामने आ रही जानकारियों के अनुसार न्यूज क्लिक से जुड़े कई अन्य लोगों के ठिकानों पर भी रेड पड़ी है। इनमें संजय राजौरा, भाषा सिंह, उर्मिलेश, प्रबीर पुरकायस्थ, अनिंदो चकवर्ती और सोहेल हाशमी भी शामिल हैं। पत्रकार नेहा दीक्षित ने इनके नाम लेते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि इनके फोन और लैपटॉप पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है। कुछ को थाने भी ले जाया गया है।
Police raids Sanjay Rajoura, Bhasha Singh, Urmilesh, Prabir Purkayastha, Abhisar Sharma, Aunindyo Chakraborty and Sohail Hashmi’s places this morning. Phones and laptops taken. Some of them taken to police station. All of them associated with Newsclick.
— Neha Dixit (@nehadixit123) October 3, 2023
अमेरिकी अखबार ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में अगस्त 2023 में प्रकाशित एक लेख में न्यूजक्लिक और चीन के बीच संबंधों के बारे में बताया था। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में भी यह मामला उठाया था। इस दौरान उन्होंने न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि न्यूज क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ रुपए मिले थे, जिसे उसने कुछ पत्रकारों में बाँट दिया था।
अगस्त में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस की जाँच में न्यूज क्लिक के चीफ एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ के दिल्ली वाले फ्लैट को अटैच कर दिया था। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के अनुसार, “यह बहुत कम लोगों को पता है कि गैर-लाभकारी संगठनों और शैल कंपनियों की आड़ में नेविल रॉय सिंघम चीन के सरकारी मीडिया के साथ मिलकर काम करता है और चीन के प्रोपेगेंडा को दुनिया भर में फैलाने के लिए फंडिंग कर रहा है।”
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लेख में कहा है कि नेविल रॉय सिंघम भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रगतिशील होने की वकालत करने के बहाने चीनी सरकार के मुद्दों को लोगों के बीच फैलाने में कामयाब रहा है। नई दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट फाइलिंग से भी पता चलता है कि नेविल रॉय सिंघम के नेटवर्क ने प्रोपेगेंडा पोर्टल न्यूज़क्लिक को फंडिंग की थी। इसके तहत न्यूजक्लिक ने अपनी कवरेज को चीनी सरकार के मुद्दों से जोड़ते हुए एक वीडियो में कहा था, “चीन का इतिहास श्रमिक वर्गों को प्रेरित करता रहा है।”
ईडी ने भी किया था खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 फरवरी 2021 को न्यूजक्लिक के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ के घर पर छापा मारा था। ईडी के सूत्रों के अनुसार, न्यूज़क्लिक को एक अमेरिकी कंपनी से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के तहत 10 करोड़ रुपए मिले थे।
दिलचस्प बात यह है कि पुरकायस्थ को इस बात का पता ही नहीं था कि अमेरिकी कंपनी ने उनकी कंपनी के खाते में पैसा क्यों ट्रांसफर किया। वास्तव में, अमेरिकी कंपनी से मिले फंड के बदले उन्होंने क्या काम किया था वह उस बारे में कोई सबूत नहीं दे पाए थे।
आगे की जाँच में पता चला कि अमेरिका स्थित एक अन्य कंपनी ने न्यूज़क्लिक को 20 करोड़ रुपए दिए और इसे ‘एक्स्पोर्ट रेमिटेंस’ के रूप में बताया गया था। यह फंड इसलिए ट्रांसफर किया गया था क्योंकि न्यूजक्लिक ने पीपल्स डिस्पैच नामक पोर्टल पर कंटेंट अपलोड किया था।
सूत्रों से यह भी पता चला था कि न्यूजक्लिक के संस्थापक पुरकायस्थ ने रखरखाव के नाम पर 1.5 करोड़ रुपए भी लिए थे। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने कार्यालय में रखरखाव के लिए 9वीं कक्षा पास इलेक्ट्रीशियन को काम पर रखा था। यही नहीं उन्होंने जो पैसा लिया था वह बिना किसी कागजी कार्यवाही के उन्हें मिला था। ऐसे में वह इस लेन-देन के बारे में ED को कुछ भी नहीं बता पाए थे।
जुलाई 2021 में, ED ने बताया था कि ‘न्यूज़क्लिक’ के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जाँच से पता चला है कि इसके प्रमोटरों को करीब 38 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। इस फंडिंग के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े होने का संदेह है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जाँच कर रहे एक अधिकारी ने खुलासा किया था कि ‘न्यूज़क्लिक’ का नेविल रॉय सिंघम नामक श्रीलंकाई-क्यूबा स्थित व्यवसायी के साथ वित्तीय लेनदेन था।
सिंघम ने ही कथित तौर पर विदेश से 2018 से 2021 के बीच ‘पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड’ को 38 करोड़ रुपए दिए थे। ‘न्यूजक्लिक’ को मिले पैसों की जाँच करने वाले अधिकारियों का कहना है कि नेविल रॉय सिंघम कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CCP) के प्रोपेगेंडा फैलाने वाली शाखा के लिए काम करता है।