दिल्ली के हौज़ काजी में मंदिर में तोड़फोड़ मचाई गई। इसमें कई मुस्लिम युवकों का नाम आया। मुस्लिमों ने मंदिर में प्रतिमाएँ विखंडित करने के साथ-साथ वहाँ के परदे को भी जला डाला। संजीव गुप्ता नामक दुकानदार की पिटाई भी की गई। अब माहौल सामान्य होने के बाद मंदिर में वापस से प्राण प्रतिष्ठा की गई है और नई मूर्तियाँ भी आई हैं। इसी क्रम में एकता रैली भी निकाली गई, जिसमें मुस्लिमों के भी भाग लेने की ख़बर है।
इस बीच इंडिया टुडे ने एक ख़बर प्रकाशित की, जिसमें इस एकता रैली और प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बताया गया है। इंडिया टुडे ने अपनी इस ख़बर में लिखा है कि मार्च तो शांतिपूर्ण रहा लेकिन ‘जय श्री राम’ के नारे से माहौल बिगड़ा।
“Although both the community members agreed that the tension has been de-escalated and old Delhi is back to its normal life, the procession was marred by Jai Shri Ram slogans.”
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) July 11, 2019
This is hate, @IndiaToday pic.twitter.com/QyFlbcFI2b
क्या किसी कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ का नारा लगने से माहौल दूषित हो जाता है? क्या ‘जय श्री राम’ बोलना आसपास के वातावरण को बिगाड़ देता है? सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इंडिया टुडे से ऐसे कई सवाल पूछे। इंडिया टुडे ने अपनी ख़बर में लिखा था, “हालाँकि दोनों ही समुदायों ने इस बात को स्वीकार किया कि तनाव अब कम हुआ है और स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन ‘जय श्री राम’ के नारे ने रैली को बिगाड़ दिया।“