लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स ने मिलकर मूड ऑफ द नेशन (MOTN) के नाम से देश भर में एक सर्वे किया है। इस सर्वे के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2019 में देश के उत्तरी हिस्से में भाजपा व उनके सहयोगी दलों के लिए को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) से बड़ी चुनौती नहीं मिलेगी।
इस रिपोर्ट की मानें तो उत्तर भारत के पाँच राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, पंजाब , उत्तर प्रदेश और राजस्थान – में बीजेपी को कॉन्ग्रेस से ज़्यादा बड़ी चुनौती अन्य दलों से मिलेगी। इंडिया टुडे ने इस सर्वे के ज़रिए देश के लोगों के मिज़ाज जानने का प्रयास किया। इस सर्वे के ज़रिए यह भी जानने का प्रयास किया गया कि लोकसभा चुनाव में जनता किन मुद्दों के आधार पर वोट करेगी।
इसके साथ ही इस सर्वे में यह भी जानने का प्रयास किया गया कि, क्या जनता यूपीए, एनडीए के आलावा तीसरे विकल्प को मौका देगी? इसी तरह चुनाव से जुड़े कई सवालों के आधार पर कराए गए इस सर्वे में जो परिणाम आए हैं वो यूपीए समेत कई दलों के लिए चौकाने वाली है।
सर्वे के मुताबिक उत्तर भारत के पाँच राज्यों में चुनाव के नतीजे एनडीए के समर्थन में ही आने वाली है। सर्वे के मुताबिक इन पाँच राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान- में एनडीए को 40% तक वोट मिल सकते हैं, जबकि यूपीए को महज 23% वोट मिलने की संभावना है। हालाँकि, इस रिपोर्ट के मुताबिक अन्य दल इन राज्यों में यूपीए से ज्यादा भाजपा व उनके सहयोगी दलों के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।
सर्वे की मानें तो एनडीए व यूपीए के अलावा इन राज्यों में अन्य दलों को 37% वोट मिलने की संभावना है।
पाँच राज्यों में इतनी सीटें भाजपा को मिल सकती है
यदि उत्तर भारत के इन पाँचों राज्यों में सीटों के लिहाज़ से देखें तो एनडीए यहाँ 66 सीटों पर चुनाव जीत सकती है, जबकि अन्य दलों को 65 सीटें मिल सकती है। यूपीए की बात करें तो सर्वे के मुताबिक यूपीए को यहाँ से 20 सीटें मिल सकती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इन पाँच राज्यों में लोकसभा की कुल 135 सीटें हैं। सर्वे में इस बात की भी चर्चा है कि यदि सपा व बसपा यूपीए का हिस्सा होता तो एनडीए को नुकसान होता।
*दिल्ली राज्य नहीं है, सर्वे में लिखने की सहजता के लिए उसे ‘राज्यों’ में शामिल किया गया है।