प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (18 जुलाई 2022) को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को-लोकेशन घोटाला मामले में पत्रकार सुचेता दलाल का बयान दर्ज किया है। जाँच के दौरान उनका नाम सामने आने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में सुचेता दलाल (Journalist Sucheta Dalal) से शनिवार (16 जुलाई 2022) को लंबी पूछताछ की गई। उन्होंने जाँच एजेंसी के सभी जवाबों का जवाब दिया। हालाँकि, ईडी के किसी भी अधिकारी ने अभी तक इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। दलाल का कहना है कि वह समन मिलने के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को-लोकेशन घोटाले के सिलसिले में ईडी की जाँच में शामिल हुईं।
दलाल ने कहा, “नई दिल्ली की बैठक से ठीक पहले, मुझे बताया गया था कि वे पुष्पल पॉल के सामने मेरा बयान दर्ज करना चाहते हैं। एसपी सीबीआई अभिनव खरे से पूछने पर उन्होंने मुझे बताया था कि यह ‘केन फोंग’ के बारे में है। यह नाम व्हिसलब्लोअर द्वारा इस्तेमाल किया किया गया था।”
दरअसल, सीबीआई द्वारा पूछे गए ज्यादातर सवाल केन फोंग के चार पत्रों को लेकर थे। मैं केन फोंग द्वारा दो अलग-अलग देशों से पोस्ट किए गए सभी चार पत्रों को ले गई थी और सेबी (SEBI) को मेरे ई-मेल की सीबीआई प्रतियाँ दिखाई थीं। दलाल ने अपने बयान में कहा, “पूछा गया कि क्या मैं जानती हूँ कि केन फोंग कौन हैं? इस पर मैंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह कौन है। मुझसे उस प्रक्रिया के बारे में भी पूछा गया जिसका हमने लेख लिखने से पहले पालन किया और इसे प्रकाशित करने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मैंने लेख लिखने से पहले एनएसई जाने के लिए कहा था।”
उनसे पूछा गया कि क्या वह पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को जानती हैं, जिनकी फर्म आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जाँच के दायरे में है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि संजय पांडे के साथ उनका कोई लिंक नहीं है और ना ही उसके व्यवसाय से कोई लेना-देना है। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वह एनएसई के पूर्व प्रबंध निदेशक रवि नारायण (Ravi Narain) को जानती हैं। दलाल ने कहा कि वह उसे जानती हैं। उन्होंने जाँच करने वाले अधिकारियों को बताया कि उन्हें ठीक से याद नहीं है कि उन्होंने पांडे को नारायण से मिलवाया था या नहीं।
दलाल ने आगे कहा, “मैंने कहा कि एनएसई या रवि नारायण को मुझसे सिफारिश की आवश्यकता क्यों होगी, जब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पांडे को 2005 में नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) की जाँच करने के लिए कहा था। एनएसडीएल एक एनएसई की सहायक कंपनी है। बाद में, एनएसई ने खुद उन्हें एक व्यापारिक गड़बड़ी के संबंध में एक जाँच समिति का हिस्सा बनने के लिए कहा था।”