पत्रकार गौहर गिलानी के खिलाफ UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है। कश्मीर जोन की साइबर पुलिस ने मंगलवार को उन पर मामला दर्ज किया। सोशल मीडिया के माध्यम से गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले पोस्ट और लेखों के आरोप में उन पर मामला दर्ज किया गया है।
रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि गौहर गिलानी सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के माध्यम से आतंकवाद का महिमामंडन करते हुए गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त थे।
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि गौहर गिलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर जो पोस्ट लिखी थीं उससे राष्ट्रीय अखंडता, संप्रभुता और भारत की सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा हो सकता है। साथ ही यह भी उल्लेख किया कि गिलानी की गैरकानूनी गतिविधियों में कश्मीर घाटी में आतंकवाद का महिमामंडन करना और लोगों के मन में डर पैदा करना शामिल है।
गिलानी के खिलाफ मिली शिकायत
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि गौहर गिलानी के खिलाफ लोगों को डराने-धमकाने की कई शिकायतें भी मिली थी। पुलिस के बयान में कहा गया है कि उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर घाटी में आतंकवाद का महिमामंडन करना, देश के प्रति अविश्वास पैदा करना और जनता के मन में भय पैदा करने का आरोप है। इससे शांति और सुरक्षा को नुकसान पहुँच सकता है।
पुलिस ने बताया कि, गौहर गिलानी पर UAPA के तहत साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जाँच शुरू की गई है।
अन्य कश्मीरी पत्रकारों पर भी UAPA
इससे पहले, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने दो अन्य कश्मीरी पत्रकारों मसर्रत ज़हरा और पीरज़ादा आशिक पर सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने और देश विरोधी पोस्ट को आपराधिक इरादे से साझा करने के लिए मामला दर्ज किया था। पुलिस ने ज़हरा के खिलाफ उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर देश विरोधी पोस्ट डालने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) लागू किया था। जिसके बाद ज़हरा को पूछताछ के लिए साइबर पुलिस स्टेशन बुलाया गया था।
पीरज़ादा आशिक ने शोपियाँ मुठभेड़ के बारे में कथित तौर पर झूठी खबर प्रकाशित की थी। पुलिस के अनुसार, द हिंदू में आशिक का लेख तथ्यात्मक रूप से गलत था और जिला अधिकारियों से सही जानकारी प्राप्त किए बिना प्रकाशित किया गया था। इसके बाद उस पर भी सोशल मीडिया पर ‘राष्ट्र विरोधी’ सामग्री और ‘फर्जी’ समाचार प्रकाशित करने का मामला दर्ज हुआ है।