पठानकोट कोर्ट ने कठुआ रेप केस में सोमवार (जून 10, 2019) को अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में रेप और मर्डर के आरोपितों को आजीवन कारावास और तीन को सबूत मिटाने के जुर्म में 5-5 साल की सजा सुनाई है। इनमें से एक आरोपित विशाल जंगोत्रा को सभी आरोपों से कोर्ट ने बरी कर दिया है।
जंगोत्रा की रिहाई में ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रसारित किए गए CCTV फुटेज और दूसरे एविडेंस का बड़ा योगदान है। प्रमाणों से यह साफ हो गया था कि इस पूरी घटना के दौरान जंगोत्रा कठुआ में मौजूद नहीं था। यहाँ समस्या उसका रिहा होना नहीं है बल्कि कुछ पत्रकार कोर्ट के फैसले के बावजूद इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं।
ऐसे ही एक अपच वाले पत्रकार अभिसार शर्मा, जो खुद से असहमत लोगों के खिलाफ अपनी नफ़रत की वजह से भी जाने जाते हैं, ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट कर प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हुए खुद फेक न्यूज़ पेडल करने के बावजूद ज़ी न्यूज़ पर यह आरोप लगाते पाए गए कि ज़ी न्यूज़ ने जंगोत्रा को बचाने के लिए कुछ झूठे सबूत गढ़े हैं।
HYPOCRISY Of Abhisar Sharma !!
— Chhoro Marwadi (@ChhoroMarwadi) June 11, 2019
How @Abhisar_Sharma spreading fake news related to Vishal Jangotra who is AQUITTED in Kathua Case.
DALLA is saying how @ZeeNews tried to save Gang Rape accused Vishal Jangotra.
He is saying Court found Vishal Jangotra GUILTY#KathuaVerdict pic.twitter.com/2jNk5BMThz
अभिसार शर्मा ने अपने नाटकीय अंदाज में ज़ी न्यूज़ के रिपोर्ट को ‘ड्रामा’ कहा जो जाँच एजेंसियों द्वारा ‘गलत’ पाया गया। जबकि सच्चाई इससे बिलकुल अलग है पठानकोट कोर्ट ने ज़ी न्यूज़ के प्रयासों की प्रशंसा की है। जिसकी वजह से सबूतों को बल मिला।
कोर्ट ने कहा, “ज़ी न्यूज़ द्वारा जो ज़रूरी प्रयास किए गए खासतौर से ज़ी के मुख्य संपादक और उनके स्टॉफ प्रशंसा के पात्र हैं क्योंकि उनकी टीम ने अथक प्रयास कर सच्चाई को बाहर ले आए।” इस फैसले में ज़ी द्वारा दिखाए गए सबूतों का बड़ा योगदान है, इसे कोर्ट ने अपने फैसले में स्वीकार किया है।
आज के युग में मीडिया को अक्सर नकारात्मक भूमिका के लिए दोषी माना जाता है।कठुआ मामले का फ़ैसला सुनाते हुए जज ने @ZeeNews के सकारात्मक योगदान की प्रशंसा की है।सच को सामने लाने में वक़्त लगता है,दबाव पड़ता है और गालियाँ भी सहनी पड़ती हैं।लेकिन सच्ची पत्रकारिता यही है। #KathuaVerdict pic.twitter.com/FQgqFEyTYT
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) June 10, 2019
मीडिया के कुछ खास वर्गों में अपने पहले से चलाए गए नैरेटिव के अनुसार विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित करने की कुछ ज़्यादा ही जल्दबाजी थी। द प्रिंट ने तो कोर्ट से पहले ही सभी को अपराधी घोषित करते हुए यह भी बता दिया कि उन्हें इतनी सजा मिली। यहाँ तक कि स्वघोषित फैक्ट चेकर AltNews ने भी उससे असहमत दूसरों पर अटैक करते हुए विशाल जंगोत्रा को अपराधी घोषित कर अपना फैसला सुना दिया।