इंडिया टुडे समूह ने एक ‘स्टिंग ऑपरेशन’ किया था। इसमें सरकार पर एजेन्ट्स और ट्रैवल ऑपरेटर्स पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया गया था। इस स्टिंग में ऐसा खुलासा किया गया था कि एजेन्ट्स और ट्रैवल ऑपरेटर्स एयर इंडिया की वन्दे भारत के टिकट मन मुताबिक़ दाम पर बेच रहे थे। इस पर नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह ने इंडिया टुडे को फटकार लगाई है।
इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए उड्डयन मंत्री ने कहा कि ऐसा स्टिंग करने के लिए किसी भी मीडिया समूह को पूरा होम वर्क कर लेना चाहिए। हालाँकि उन्होंने अपने ट्वीट में इंडिया टुडे का नाम नहीं लिया है।
इंडिया टुडे ने इस स्टिंग के आधार पर कई बड़े दावे किए थे। उनका कहना था कि महामारी के बाद इस योजना के तहत देश के कई हिस्सों में टिकट की कालाबाज़ारी हो रही है। सरकार इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रही है, जिसकी वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
A media group conducted a so called ‘sting’ operation. This shows agents “soliciting customers” by offering to get tickets on higher than the published prices for flights under VBM.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 14, 2020
If the media group had done its homework it could have spared itself some embarrassment. pic.twitter.com/9ZyTEWHJxM
इन दावों का जवाब देते हुए हरदीप सिंह ने कहा कि मंत्रालय ऐसी घटनाओं पर हमेशा से निगरानी रख रहा था। मंत्रालय ने यात्रियों को ऐसे बिचौलियों से बचने के लिए अक्सर चेतावनी भी जारी की है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि टिकट केवल आधिकारिक तौर पर तय किए गए दामों पर ही खरीदे जाएँ।
मंत्रालय की कोशिश लगातार यही रही है कि आम लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो। उड्डयन मंत्री ने एयर इंडिया द्वारा हाल ही में जारी किए गए सर्कुलर का भी हवाला दिया। इस आदेश में मंत्रालय ने लिखा है कि पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जिसमें बिचौलिए वंदे भारत मिशन के तहत चलने वाली हवाई जहाज के लिए ज़्यादा रुपए वसूल रहे थे।
#FlyAI : Air India has zero tolerance towards any malpractice. Please report to us on [email protected] pic.twitter.com/650XB0FVza
— Air India (@airindiain) August 13, 2020
इस आदेश में यह भी साफ़ किया गया है कि मंत्रालय ने इस मामले में 3 एजेन्ट्स को चेतावनी भी जारी की है। इसके अलावा मंत्रालय ने तीन एजेंट्स का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। यह सब कुछ इंडिया टुडे के स्टिंग के बहुत पहले ही हो चुका है। इस संबंध में 2 जून 2020 को आरोपित एजेन्ट्स पर मामला भी दर्ज किया गया था। इस घटना को अब दो महीने से ज्यादा का समय हो चुका है और इंडिया टुडे इस मुद्दे पर अब स्टिंग कर रहा है।
हरदीप सिंह ने कहा, “लेज़ी जर्नलिज्म (सुस्त पत्रकारिता) अपने लिए गड्ढे खोदने जैसा है। अगर मीडिया समूह (इंडिया टुडे) ने एयर इंडिया से ही जानकारी माँग ली होती या सोशल मीडिया पर इस मुद्दे से संबंधित जानकारी खोज ली होती तो उन्हें ऐसे नतीजे कभी हासिल नहीं होते।” हरदीप सिंह ने यह भी कहा कि जो लोग स्टिंग में शामिल हुए हैं वह असल में एजेन्ट्स हैं भी नहीं। एजेन्ट्स और सब एजेन्ट्स को IATA नियुक्त करता है। आरोपित बिचौलियों पर भी मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब उड्डयन मंत्रालय को वंदे भारत मिशन पर मीडिया द्वारा फैलाई गई झूठी ख़बरों के संबंध में सफाई जारी करनी पड़ी हो। इसके पहले मंत्री हरदीप सिंह ने ऐसे ही स्टिंग के लिए इकोनॉमिक टाइम्स को फटकार लगाई थी। इकोनॉमिक टाइम्स ने दावा किया था कि जो लोग भारत वापस आना चाहते हैं या भारत से कहीं जाना चाहते हैं, वह वंदे भारत मिशन से परेशान हो चुके हैं। इसके अलावा यह भी कहा था कि एयर इंडिया दूसरे देश में मौजूद भारतीय नागरिकों को वापस लेकर आने के लिए अत्यधिक दाम वसूल रही है। इस पर हरदीप सिंह ने सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया था। साथ ही इस रिपोर्ट को बेहद निचले स्तर की पत्रकारिता करार दिया था।
वंदे भारत मिशन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना थी। इसके तहत दुनिया के तमाम देशों में फँसे भारतीय नागरिकों वापस लाया जाना था। इस योजना के तहत एयर इंडिया ने अब तक विदेश में फँसे हज़ारों भारतीय नागरिकों को वापस बुलाया है। महामारी के दौर में भारत सरकार की इस योजना ने दूसरे देशों में फँसे नागरिकों की बहुत मदद की।