Sunday, November 17, 2024
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सुदर्शन न्यूज के ‘बिंदास बोल’ को मिले ब्रॉडकास्ट करने के निर्देश, जामिया के छात्रों की याचिका पर दिल्ली HC ने लगाई थी रोक

इससे पहले 28 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रोग्राम को प्रसारित करने पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने यह फैसला जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की याचिका पर लिया था। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि शो में खुलेआम जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों और मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ हेट स्पीच दी जा रही है।

सुदर्शन न्यूज के प्रोग्राम ‘बिंदास बोल’ को आज (सितंबर 10, 2020) ब्रॉडक्रॉस्ट करने के निर्देश सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से दे दिए गए। मंत्रालय ने मीडिया संस्थान को यह प्रोग्राम ब्रॉडकास्ट करने से पहले सुनिश्चित करने को कहा कि उसमें किसी संहिता का उल्लंघन न हो।

इससे पहले 28 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज चैनल के प्रोग्राम को प्रसारित करने पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने यह फैसला जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की याचिका पर लिया था। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि शो में खुलेआम जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों और मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ हेट स्पीच दी जा रही है।

दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया था, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रोग्राम पर रोक लगाने से मना किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विचारों के प्रकाशन या प्रसारण के सम्बन्ध में रोक लगाने वाला निर्णय देने से पहले कोर्ट को सतर्कता बरतनी चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और ‘सुदर्शन न्यूज़’ को नोटिस भी भेजा था। 

गौरतलब है कि पिछले दिनों सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने ‘ब्यूरोक्रेसी जिहाद’ के खिलाफ अभियान शुरू किया था, जिसमें कई सबूतों के आधार पर सच दिखाने का दावा किया गया था। इस प्रोग्राम के बारे में बताने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी पोस्ट की थी। जिसके बाद यह पूरा मामला गर्माया।

उन्होंने इस वीडियो में बताया था कि उनका चैनल इस बात का विश्लेषण कर रहा है कि कि दूसरों की तुलना में प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं में विभिन्न पदों पर चयनित संप्रदाय विशेष के लोगों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। उन्होंने अपने वीडियो में चेतावनी दी थी कि, सोचिए, जामिया के जिहादी अगर आपके जिलाधिकारी और हर मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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