एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान ने जम्मू-कश्मीर पर एक बार फिर से पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाया है। उन्होंने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए हजरतबल दरगाह को लेकर पाकिस्तानी नैरेटिव को आगे बढ़ाया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि शायद यह पहली बार है जब श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह में मुस्लिमों को नमाज पढ़ने के लिए पाबन्दी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने ईद-ए-मिलाद को लेकर ऐसा कहा। निधि ने लिखा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए 3 महीना हो गया, भयंकर ठंडी भी आ गई है, लेकिन जमीनी स्थिति ऐसी है कि लोगों को नमाज़ पढ़ने से भी रोका जा रहा है।
निधि राजदान ने सरकार पर एसएमएस सर्विस रोकने का भी आरोप लगाया। निधि ने ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फहद शाह के आरोपों को ट्वीट करते हुए ऐसा कहा। शाह ने ‘द ट्रिब्यून’ की एक ख़बर शेयर की थी, जिसमें एक अनाम वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि हजरतबल दरगाह पर केवल आसपास के लोगों को ही नमाज़ पढ़ने की इजाजत दी जाएगी और बड़ी संख्या में लोगों को कहीं भी एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा। निधि ने इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि कश्मीरियों को बाकी भारतीय नागरिकों जैसे अधिकार नहीं मिल रहे।
निधि ने सरकार पर संचार-व्यवस्था ठप्प करने का आरोप लगाया। उन्होंने हिरासत में रखे गए या गिरफ़्तार किए गए कश्मीरी नेताओं को छोड़ने की पैरवी करते हुए लिखा कि इससे घाटी में लोकतंत्र बहाल होगा। इसके बाद कई लोगों ने निधि को आइना दिखाया और सच्चाई से वाकिफ कराया। पत्रकार आरती टीकू सिंह ने लिखा कि मीडिया का एक धड़ा दुष्प्रचार कर रहा है कि हजरतबल दरगाह पर मुस्लिमों को नमाज नहीं पढ़ने दिया जा रहा। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें सैकड़ों लोग दरगाह के पास नमाज पढ़ते दिख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान द्वारा ऐसा झूठ फैलाया जा रहा है।
A section of Indian media ran a disinformation campaign that prayers were not allowed by Indian security forces at the Hazratbal shrine in Srinagar on Eid Milad yesterday. Guess, who is using this fake news the most? Pakistan. Now check this & see for yourself what the truth is. https://t.co/lMuJjqUrZV pic.twitter.com/5q8Z5FJcWS
— Aarti Tikoo Singh (@AartiTikoo) November 11, 2019
श्रीनगर के डीएम शाहिद चौधरी ने ख़ुद कई ऐसे फोटो शेयर किए, जिसमें लोग दरगाह के पास इकट्ठे होकर ईद-उल-मिलाद मनाते दिख रहे हैं। इन लोगों ने वहाँ नमाज पढ़ी और वहाँ के इमाम भी इसमें सम्मिलित हुए। इन फोटोग्राफ्स के साथ ही निधि राजदान के झूठ का पर्दाफाश हो गया। अपना झूठ पकड़े जाने के बाद निधि ने ख़ुद का बचाव करने की असफल कोशिश की। उन्होंने लिखा कि वो बस ख़बरों को ट्वीट कर रही थीं। कुछ ऐसा ही झूठ पाकिस्तान के कई मीडिया चैनलों पर भी चलाया जा रहा है।
Thousands of devotees visited Hazratbal Shrine n had a glimpse of Holy relic of Prophet Muhammad ﷺ https://t.co/qvvc2oB2w7 pic.twitter.com/9J874k2oLL
— Shahid Choudhary (@listenshahid) November 10, 2019
इससे पहले निधि राजदान लंदन में एक ऐसे कार्यक्रम में शामिल हुई थीं, जिसमें जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत को भला-बुरा कहा गया। जेकेएलएफ ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए इसके आयोजकों व अतिथियों की प्रशंसा की थी। इस कार्यक्रम में निधि राजदान ने आरोप लगाया कि भारत ने अनुच्छेद 370 को लेकर कश्मीरी जनता की राय नहीं ली और पूरे राज्य में संचार- व्यवस्था ठप्प कर दी गई है। निधि राजदान ने कहा कि भारत दावा करता है कि यह सब जम्मू-कश्मीर के भले के लिए है। एनडीटीवी इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रोपगेंडा फैलाता रहा है।