शुक्रवार (15 मई 2020) को एनडीटीवी (NDTV) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें रिपोर्टर हरियाणा के कलानौर से यमुना नदी पार कर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जा रहे एक प्रवासी मजदूर से बेहतर फुटेज के लिए ‘फिर से चलने के लिए’ कहते हुए सुना जा सकता है।
Watch: With luggage on their heads, migrants cross the Yamuna river in Haryana’s Kalanaur to enter Saharanpur in UP. #MigrantLivesMatter #COVID19Pandemic pic.twitter.com/l4hJXLUOZy
— NDTV (@ndtv) May 15, 2020
वीडियो की शुरुआत में रिपोर्टर एक प्रवासी मजदूर से कुछ कदम पीछे जाकर फिर चलने के लिए कहता है। रिपोर्टर के कहे अनुसार मजदूर कुछ कदम पीछे हट जाता है और वहीं रुक जाता है। वह रिपोर्टर के इशारे के बाद फिर से चलने लगता है।
तथ्य यह है कि प्रवासी मजदूर को सिर्फ फुटेज के लिए दोबारा चलने के लिए कहे जाने पर एक सोशल मीडिया यूजर ने इस क्लिप की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है।
Well done NDTV that ur reporter asked the person walking to go back into the water and once again walk so that u get a better video to post !!! Long live Pidi journalism
— Aravindha (@Aravindhapk) May 15, 2020
What was the need to ask that person to go back and give a better shot!!!!
— DilSe.. (@rawatpankaj) May 15, 2020
सोशल मीडिया यूजर ने उस पत्रकार की असंवेदनशीलता पर भी सवाल उठाया, जिसने प्रवासी मजदूर को सिर्फ फुटेज के चलते पीछे हटने और पोज़ देने के लिए कहा था।
Such an insensitive video. NDTV journo is asking the migrant to go back & walk towards him again.
— Vasudha (@WordsSlay) May 15, 2020
This is precisely how they buttress up their fake narrative. They ’direct’ it instead of ’reporting’ it. Such a shame!
बचाव में NDTV ने एक स्पष्टीकरण पोस्ट किया है। इसमें कहा है कि उपरोक्त फुटेज जिसमें प्रवासी मजदूर को फिर से पोज़ देने और चलने के लिए कहा गया था, वह हमें एक बाहर के रिपोर्टर द्वारा भेजा गया था।
Clarification: This video was sourced from a stringer.
— NDTV (@ndtv) May 15, 2020
कुछ घंटे बाद, एनडीटीवी ने पत्रकार विशु सोम के शो के दौरान इस वीडियो को बिना किसी स्पष्टीकरण के चलाया।
Stirring video shows migrants crossing knee-deep Yamuna to get home https://t.co/fdsWvEkqzP#MigrantLivesMatter #CoronavirusPandemic pic.twitter.com/qFS0Feok4G
— NDTV (@ndtv) May 15, 2020
सोम के शो में पूरी क्लिप दिखाने की जगह सिर्फ़ रिपोर्टर द्वारा कहे जाने पर ‘प्रवासी मजदूर’ द्वारा दोबारा पीछे जा कर पोज़ देने वाली वीडियो ही दिखाई गई।
पिछले साल जनवरी में जब प्रियंका गाँधी वाड्रा आधिकारिक तौर पर कॉन्ग्रेस पार्टी में शामिल हुई थीं, इंडिया टुडे के पत्रकार को भीड़ को ‘उत्साहित दिखने के लिए’ निर्देशित करते हुए देखा गया था। हाल ही में उज्जैन के एक एनजीओ ने भी दावा किया था कि दैनिक भास्कर ने फोटो के लिए सड़क से 10 साल की लड़की को अनाज बीनने के लिए तैयार किया था।