मैथिली में एक कहावत है- चोटी गुहल कनिया रहिए गेल। यानी, अरमानों पर पानी फिर गया। ऐसा ही कुछ एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार निधि राजदान के साथ हुआ है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर बुलाए जाने को लेकर साल 2020 में खूब चर्चा बटोरने वाली NDTV की पूर्व पत्रकार निधि राजदान ने खुलासा किया है कि वह एक फिशिंग अटैक (ऑनलाइन धोखाधड़ी, जहाँ ईमेल के जरिए धोखा देकर सारी जानकारी ले ली जाती है) का शिकार हुईं थीं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से कोई प्रोफेसर बनने का ऑफर नहीं आया।
कुछ देर पहले निधि ने अपने ट्विटर पर एक बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने खुद को फिशिंग अटैक का शिकार बताया। वह लिखती हैं कि 21 साल तक एनडीटीवी में काम करने के बाद उन्होंने साल 2020 के जून माह में आगे बढ़ने का फैसला किया है और हार्वर्ड यूनिवर्टी में बतौर पत्रकारिता की एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर ज्वाइन कर रही हैं।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
उन्होंने बताया कि वह ज्वाइनिंग का समय पहले सितंबर 2020 मानकर चल रही थीं और अपनी नई जिम्मेदारियों को उठाने की तैयारी कर रही थीं। बाद में उन्हें कहा गया कि जनवरी 2021 में उनकी क्लास शुरू होगी। धीरे-धीरे उन्हें हर चीज इतना डिले होने पर असामान्य लगना शुरू हुआ।
शुरूआत में वह महामारी के कारण सब चीजों को नजर अंदाज करती रहीं लेकिन हाल ही में उन्हें इन चीजों को लेकर शक गहराया और उन्होंने यूनिवर्सिटी के शीर्ष प्रशासन से संपर्क किया।
बाद में यूनिवर्सिटी के अनुरोध पर निधि की ओर से हर वह प्रमाण पेश किए गए जिसे देख वह सोच रहीं थीं कि उन्हें यह सब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से मिल रहा है। आखिर में उन्हें पता चला कि वास्तविकता में हार्वर्ड ने उन्हें प्रोफेसर बनने के लिए कोई ऑफर भेजा ही नहीं बल्कि वह तो एक तरह के ऑनलाइन हमले का शिकार हुईं।
वह लिखती हैं कि उन्हें हार्वर्ड से कोई ऑफर लेटर भी नहीं मिला। धोखाधड़ी करने वालों ने बड़ी चालाकी से उनके पर्सनल डेटा, कम्युनिकेशन को एक्सेस करने के लिए सारा खेल खेला और शायद डिवाइस से लेकर ईमेल व सोशल मीडिया अकॉउंट तक पहुँचने का रास्ता भी पा लिया।
बयान के अनुसार, ऑनलाइन हमले का शिकार हुई निधि राजदान को जब सब कुछ पता चला तो उन्होंने फौरन इस संबंध में कंप्लेन की। साथ ही सारे सबूत पुलिस के सामने पेश किए। अब निधि ने पुलिस से इस मामले पर जल्द से जल्द एक्शन लेने के लिए पुलिस से अपील की है ताकि आरोपित पकड़े जा सकें। इसके अलावा अलग से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को भी पत्र लिखा गया है ताकि वह इस मामले को गंभीरता से लें।
वह बताती हैं कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने उन व्यक्तियों और संगठनों को भी पत्र लिखा है जिनसे वह बीते कुछ समय से संपर्क में थी। फर्जी बातचीत का शिकार हुई निधि राजदान अब उम्मीद कर रही हैं कि पुलिस जल्द से जल्द इस मामले के तह तक जाएँ और उनकी मदद करे।
बता दें कि निधि द्वारा ये बयान जारी किए जाने के बाद कुछ लोगों ने अपने पुराने ट्वीट पर उनका ध्यान आकर्षित करवाना शुरू किया है। इन ट्वीट में वह निधि को पहले ही आगाह कर चुके थे कि फैसला लेने से पहले वह एक बार पुष्टि कर लें। लेकिन शायद वह हार्वर्ड से जुड़ने की बात पढ़ने भर से इतनी खुश थीं कि उन्होंने इसे क्रॉस चेक करना उचित नहीं समझा और बड़े-बड़े सपने बुनने लगीं। अब हालत ये है कि उन्हें हर किसी को अपने ठगे जाने की दास्तां सुनानी पड़ रही है।
And this tweet. Anyone in @nidhu Ji’s place would have antenna up and checked.https://t.co/bbpPEZHrtJ
— Suresh N (@surnell) January 15, 2021